Noida Cyber Crime : 'पापा मुझे बचा लो', चीफ फार्मासिस्ट ने ट्रांसफर कर दिए 40 हजार, AI से वॉइस क्लोनिंग कर ठगों ने लगाया चूना

Noida Cyber Crime : नोएडा में साइबर ठगों ने नया पैंतरा आजमाते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से आवाज क्लोनिंग कर चीफ फार्मासिस्ट से 40 हजार रुपये ठग लिए। जानिए साइबर ठगों ने कैसे इस काम का अंजाम दिया।

AI से आवाज क्लोनिंग कर ठगी

Noida Cyber Crime : इन दिनों साइबर ठगी का अंदाज बदल गया है। अब साइबर अपराधियों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का सहारा लेना शुरू कर दिया है। ऐसा ही एक मामला नोएडा से सामने आया है, जहां जिला अस्पताल नोएडा के चीफ फार्मासिस्ट के बेटे की आवाज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से आवाज निकालकर 40 हजार ठग लिए। कॉल करने वाले जालसाजों ने खुद को मुंबई पुलिस का बताया था। ठगों ने अधिकारी को बताया कि आपका बेटा एक महिला की हत्या में शामिल है। फिलहाल, सेक्टर 39 पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर मामले की जांच शुरू कर दी है।

वॉइस क्लोनिंग कर जाल में फंसाया

नोएडा में वॉइस क्लोनिंग के जरिए ठगी का यह पहला मामला होने का पुलिस दावा कर रही है। जिला अस्पताल में कार्यरत चीफ फार्मासिस्ट आलोक पांडे ने इसकी शिकायत पुलिस से की है। उन्होंने पुलिस को बताया कि बीते दिनों उनके पास अनजान नंबर से कॉल आया। कॉलर ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया और उनके बेटे की एक महिला की हत्या में संलिप्त होने की बात बताई। चूंकि, जिला अस्पताल के चीफ फार्मासिस्ट आलोक पांडेय का बेटा मुंबई में ही रह रहा है। लिहाजा, ऐसे में उन्हें अनहोनी की आशंका सताने लगी।

बेटे को फंसा समझ ट्रांसफर किए रुपये

आलोक पांडेय के मुताबिक, कॉलर ने अपने फोन में पुलिस की फोटो लगाई थी। जब ठगों ने बेटे आवाज सुनाई तो पिता डर गए। उन्होंने बताया कि उधर से आवाज आई कि पापा मुझे बचा लो, मैं बुरी तरीके से फंस गया हूं। इसी दौरान कॉल करने वाले ने कहा कि तुम्हारा बेटा सीधा लग रहा है। वह उसे केस में बचा लेगा पर अधिवक्ता की फीस और पुलिस का खर्चा भेजना होगा। आलोक ने तुरंत जालसाजों के बताए गए अकाउंट में 40 हजार रुपये की रकम ट्रांसफर कर दी। यह रकम दो बार में दी गई। जब ठगों ने एक लाख 50 हजार रुपये की और मांग की तो आलोक को शक हुआ। ऐसे में उसने दूसरे मोबाइल से पत्नी को फोन किया और बेटे के नंबर पर कॉल कर उसकी जानकारी करने को कहा। जब मां ने कॉल की तो बेटे ने बताया कि वह ऑफिस में है। ठगी की जानकारी होने के बाद जब शिकायतकर्ता ने अपने पैसे वापस मांगे तो ठगों ने संपर्क तोड़ दिया। लिहाजा, पीड़ित ने मामले की शिकायत नजदीकी थाने और साइबर सेल से की। थाना प्रभारी ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच की जा रही है।

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