नोएडा, ग्रेटर नोएडा के घर खरीददारों के लिए खुशखबरी है मुख्यमंत्री का दखल? जानिए
नोएडा-ग्रेटर नोएडा में फ्लैट खरीदने में आने वाले परेशानी को लेकर सीएम योगी ने कदम उठाया है। मुख्यमंत्री ने स्वयं बिल्डर-बायर्स समस्याओं के समाधान की बात कही। उन्होंने घर खरीददारों के हितों की सुरक्षा की बात कही है। साथ ही फ्लैटों की रजिस्ट्री समय पर कराए जाने की बात कही।
फाइल फोटो।
नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट में हजारों घर खरीददार परेशान हैं। अपने सपनों का घर खरीदने निकले इन घर खरीददारों को बिल्डरों ने बड़े-बड़े सपने दिखाए। घर खरीददारों को पेरिस, लंदन और न्यूयॉर्क शहरों जैसा अनुभव देने के सब्जबाग दिखाए। लेकिन हकीकत में ये बिल्डर घर खरीददारों को उनकी मेहनत के पैसे से लिया गया घर भी नहीं दे पा रहे हैं। कुछ लोगों को घर मिल भी गए हैं तो उन्हें वर्षों से अपने फ्लैट पर अपना अधिकार मिलने यानी रजिस्ट्री का इंतजार है। रजिस्ट्री के मामले में अब स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दखल दिया है। क्या माना जाए कि मुख्यमंत्री का दखल देना घर खरीददारों के लिए खुशखबरी है... चलिए जानते हैं -
मुख्यमंत्री ने क्या कहा?
घर खरीददारों की समस्या बड़ी है और इसको लेकर नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोग बार-बार मुख्यमंत्री तक गुहार लगाते हैं। इस बीच सोमवार 15 जनवरी को मुख्यमंत्री की ओर से इस संबंध में दखल दिया गया। सीएम ऑफिस के सोशल मीडिया (X) हैंडल पर मुख्यमंत्री की तरफ से एक पोस्ट किया गया। इस पोस्ट में लिखा गया, 'नोएडा/ग्रेटर नोएडा में बिल्डर-बायर्स के बीच समस्याओं का समाधान तेजी के साथ किया जाए। हमें हर एक बायर के हितों की सुरक्षा करनी है। बायर को उसके फ्लैट की रजिस्ट्री समय से मिलनी चाहिए। इसके लिए हर आवश्यक कदम उठाए जाएं।'
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मुख्यमंत्री ने स्वयं बिल्डर-बायर्स समस्याओं के समाधान की बात कही। उन्होंने घर खरीददारों के हितों की सुरक्षा की बात कही। फ्लैटों की रजिस्ट्री समय पर कराए जाने की बात कही। ऐसे में नोएडा, ग्रेटर नोएडा के लोगों को एक बार फिर अपने फ्लैटों की रजिस्ट्री होने की उम्मीद जग गई है।
क्या है समस्या?
समस्या ये है कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में जिन बिल्डरों पर लोगों ने भरोसा किया, उन्होंने घर खरीतदारों को धोखा दिया। उनके प्रोजेक्ट वर्षों से लटके पड़े हैं। कई प्रोजेक्ट में तो कई वर्षों से कुछ भी काम नहीं हुआ है। बिल्डरों ने घर खरीददारों से लिए पैसे या तो डकार लिए, या दूसरे प्रोजेक्ट में लगा दिए। कुछ लोगों को बड़ी कोशिशों के बाद प्लैट के पजेशन मिले भी तो उनकी रजिस्ट्री अभी तक नहीं हुई।
रजिस्ट्री क्यों नहीं हुई?
बिल्डरों ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से लीज पर जो जमीन ली थी। उसके बदले उन्हें लीज रेंट जमा करना था। लेकिन बिल्डरों ने अथॉरिटी का बकाया नहीं चुकाया। अथॉरिटी का बकाया बचा होने के कारण, बिल्डरों ने जो प्रोजेक्ट पूरे भी कर दिए, उनका ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट (OC) और कंप्लीशन सर्टिफिकेट (CC) अथॉरिटी जारी नहीं कर रही है। अथॉरिटी का कहना है कि जब तक बिल्डर उनका बकाया नहीं चुकाते, तब तक रजिस्ट्री नहीं हो सकती।
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ऐसे में बिल्डर और अथॉरिटी के बीच बेचारे घर खरीददार पिस रहे हैं। अथॉरिटी सख्ती करके बिल्डरों से अपना बकाया नहीं ले पा रही है, जबकि घर खरीददार बिल्डर को पूरा पैसा चुका चुके हैं। बिल्डरों से अपना बकाया नहीं ले पाने की अपनी नाकामी का ठीकरा अथॉरिटी घर खरीददारों के सिर फोड़ रही है और उन्हें उनके रजिस्ट्री के अधिकार से वंचित रख रही है।
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