Noida Cyber Crime: साइबर ठगों को फर्जी बैंक खाता उपलब्ध कराने वाले 7 गिरफ्तार, ऐसे आए पकड़ में
Gautam Budh Nagar Cyber Crime Police: गौतमबुद्धनगर की साइबर क्राइम पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नाइजीरियन गैंग के लिए बैंक खाता प्रोवाइड कराने वाले सात लोगों को दबोच लिया है। पकड़े गए आरोपियों ने साइबर ठगों की मदद कर लगभग 100 करोड़ की ठगी बैंक खातों के जरिए करवाई है। साइबर क्राइम पुलिस आरोपियों से पूछताछ में जुट गई है।
नाइजीरिया गैंग को किराए पर बैंक खाता प्रोवाइड कराने वाले सात आरोपियों को गौतमबुद्धनगर की साइबर पुलिस ने दबोचा (प्रतीकात्मक तस्वीर)
- गौतमबुद्धनगर की साइबर क्राइम पुलिस ने की कार्रवाई
- फर्जी दस्तावेजों के जरिए खुलावाते थे बैंक में खाता
- इन खातों के जरिए 100 करोड़ की हो चुकी है धोखाधड़ी
बता दें कि, लखनऊ निवासी रिटायर्ड आईपीएस राम प्रताप सिंह ने साइबर क्राइम गौतमबुद्धनगर को शिकायत दी थी। उन्होंने शिकायत में बताया था कि, 22 जून 2022 को जीनथ नामक एक ब्रिटिश महिला की उनसे फेसबुक पर मित्रता हुई। उसने 1.5 करोड़ रुपए की करेंसी के साथ लखनऊ आने व एयरपोर्ट पर पकड़ लिए जाने की बात उनको बताई। इसके बाद कस्टम ड्यूटी, आरबीआई एक्सचेंज और जीएसटी क्लीयरेंस के नाम पर उनसे 8.17 लाख रुपए अपने खाते में मंगवा लिए थे।
ऐसे देते थे वारदात को अंजामसाइबर इंस्पेक्टर रीता यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि, नाइजीरियन गैंग फेसबुक पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर पहले फेसबुक पर दोस्ती किया करते हैं। फिर इस तरह के क्लीयरेंस के नाम पर लोगों से साइबर ठगी कर लेते हैं। ये नाइजीरियन गैंग बदायूं के लोगों को नौकरी दिलवाने के नाम पर उन्हें नोएडा बुलाया करते हैं। उनका आधार कार्ड लेने के बाद उन आधार कार्ड पर दिल्ली एनसीआर का फर्जी पता डलवा देते हैं। जिससे बैंक में खाता खुल जाता है और सिम कार्ड ले लेते हैं। फर्जी खाता खुलावाने वाले सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपियों की पहचान जाबिर खाप, राजू सिंह, देवव्रत सिंह, प्रशांत सिंह, राहुल कुमार शर्मा, दीपक कुमार और सुमंत कुमार के रूप में हुई है।
मिलता था फर्जी खाता खुलवाने का कमीशनबता दें कि, ये लोग खोले गए फर्जी खाते को नाइजीरियन गैंग के सरगना आकालेंडी, उच्चे गेडियन व माइकल को देते थे। जिसमें धोखाधड़ी के रुपए आने पर ये एटीएम से पैसा निकालने के बाद उसमें से 8 प्रतिशत पैसा निकालकर बाकी रकम दिल्ली में नाइजीरियन को खानपुर, महरौली और आईएनए में दे दिया करते थे। खाता धारक को इसके एवज में 20 हजार रुपए मिल जाते थे। आधार कार्ड पर दिल्ली एनसीआर का पता बदलने का काम मयूर विहार फेज-3 स्थित एक सेंटर से होता था।
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