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ग्रेटर Noida में घर बनाना नहीं आसान, बिल्डरों की मनमानी से बायर्स परेशान; 15 साल से अधर में ख्वाब

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 26ए में NRI टाउनशिप परियोजना के प्लॉट बायर्स 12-15 साल से अपने घरों का इंतजार कर रहे हैं। इस परियोजना में 1400 से अधिक प्लॉट हैं, लेकिन अभी तक नक्शा पास नहीं हुआ है।

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(फाइल फोटो)

नोएडा: एनसीआर में घर बनाने का ख्वाब देखना और फिर घर बनाना काफी मुश्किल होता जा रहा है। खासकर, जब बिल्डर्स अपनी मनमानी पर उतर आएं। ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 26ए में NRI टाउनशिप परियोजना के प्लॉट बायर्स 12-15 साल से घर बनाने का इंतजार कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, इस परियोजना में 1400 से अधिक प्लॉट शामिल हैं, लेकिन नक्शा अभी तक पास नहीं हुआ है। बिल्डर SDS इंफ्राकोन प्राइवेट लिमिटेड और यमुना प्राधिकरण एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं, जिससे बायर्स का धैर्य जवाब दे रहा है।

खरीदारों का कहना है कि उनकी जिंदगी का एक महत्वपूर्ण पड़ाव बीत गया है, लेकिन घर का सपना पूरा नहीं हुआ।

खरीदार संजय गुप्ता, रेनू वर्मा, के के त्रिपाठी, दिनेश सिंह, और तरुण शर्मा ने कहा कि उन्होंने जवानी में प्लॉट खरीदा था, लेकिन रजिस्ट्री नहीं हुई। 900 से अधिक लोगों की रजिस्ट्री अब तक नहीं हुई, जबकि 500 से ज्यादा लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। बिल्डर पर आरोप है कि उसने अचानक 5 गुना अधिक पैसे की मांग की है। यमुना प्राधिकरण पर बिल्डर का 650 करोड़ रुपये बकाया है, जिससे प्रोजेक्ट में देरी हो रही है। टाउनशिप का नक्शा जल्द पास किया जाए, बिल्डर द्वारा मांगे जा रहे अतिरिक्त पैसे की वसूली रोकी जाए, और मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जाएं। बिल्डर के प्रतिनिधि देवेश कुमार ने समाधान का आश्वासन दिया है, लेकिन कोई समय सीमा नहीं बताई गई।

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