नोएडा में भी भोले बाबा की संपत्ति की तलाश शुरू, शासन को रिपोर्ट भेजेगा प्राधिकरण
Hathras Stampede Baba: बाबा का एक आश्रमण नोएडा के इलाबास गांव में खसरा नंबर-90 पर बना हुआ है। ये आश्रम गांव के बीच में है। प्राधिकरण ने अब तक इस जमीन को अधिग्रहीत नहीं किया है। प्राधिकरण ने अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है। उसे शासन से मिलने वाले निर्देश का इंतजार है।
बाबा सूरजपाल
Hathras Stampede Baba: हाथरस भगदड़ कांड वोले भोले बाबा उर्फ सूरजपाल की पूरे उत्तर प्रदेश में अलग-अलग जगह पर कई संपत्तियां है। अब इन संपत्तियों का पता लगाया जाने लगा है। इसी कड़ी में नोएडा प्राधिकरण भी नोएडा स्थित भोले बाबा की संपत्तियों की तलाश में जुट गया है। जानकारी के अनुसार इसकी एक रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी जाएगी। शासन से मिले दिशा निर्देश के अनुसार प्राधिकरण आगे की कार्रवाई करेगा।
बता दें, हाथरस हादसे के बाद से ही भोले बाबा गायब था। शनिवार को उसका एक वीडियो सामने आया है जिसमें उसने घटना पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि हम दो जुलाई की घटना के बाद बहुत ही व्यथित हैं। प्रभु हमें इस दुख की घड़ी से उभरने की शक्ति दें। शासन एवं प्रशासन पर भरोसा बनाए रखें। हमें विश्वास है, जो भी उपद्रवकारी हैं वे बख्शे नहीं जाएंगे।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा में संपत्ति की तलाश
भोले बाबा के सत्संग में हुई भगदड़ में सैकड़ों लोगों की जान चली गई। हादसे के बाद से ही भोले बाब फरार है। जिसके बाद अब भोले बाबा की संपत्ति की जानकारी ली जा रही है। नोएडा , ग्रेटर नोएडा में बाबा की संपत्ति तलाशने के निर्देश शासन की ओर से दिए गए है। ये जानकारी प्राधिकरण अधिकारियों को देनी है। इसके बाद बड़ा एक्शन हो सकता है।
नोएडा के इलाबास गांव में है बाबा का आश्रम
बाबा के यूपी के कई जिलों में बड़े और भव्य आलीशान आश्रम है। ट्रस्ट के नाम पर मैनपुरी, कासगंज, आगरा, कानपुर और ग्वालियर में कई बड़े आश्रम है। ऐसा ही एक आश्रम नोएडा के इलाबास गांव में खसरा नंबर-90 पर बना हुआ है। ये आश्रम गांव के बीच में है। प्राधिकरण ने अब तक इस जमीन को अधिग्रहीत नहीं किया है। प्राधिकरण ने अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है। उसे शासन से मिलने वाले निर्देश का इंतजार है। प्राधिकरण ने बताया कि ये आश्रम भोले बाबा उर्फ सूरज पाल जाटव के नाम पर नहीं है। ये आश्रम किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर है। हालांकि आश्रम के अंदर और बाहर हर स्थान पर बाबा के पोस्टर लगे है।
दूसरे के नाम पर हैं बाबा की संपत्तियां
यहां के सेवादार ने भी बताया, दो साल पहले बाबा एक बार यहां आए थे। इसके बाद से यहां नहीं आए। प्राधिकरण के मुताबिक इन लोगों की संपत्ति यहां किसी और नाम से हो सकती है। इसलिए आवंटन की फाइलों को खंगाला जा रहा है। जल्द ही प्राधिकरण की टीम भी आश्रम जा सकती है। बता दें, सूरज पाल जाटव के बाबा बनने की कहानी कोरोना के बाद शुरू हुई थी। इस दौरान उसके अनुयायियों ने संपत्ति भी बनाई। यही वजह है कि 2020 और उसके बाद के जमीन आंवटन संबंधी फाइलों को खंगाला जा रहा है। जिस भी संपत्ति का खुलासा होगा उसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
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