नोएडा में प्रदूषण चरम पर, प्राधिकरण ने इन कार्यों पर लगाया बैन
Noida Air Pollution: नोएडा में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए प्राधिकरण ने बैठक करने के बाद लगभग 10 कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन सभी कार्यों से वायु प्रदूषण का खतरा लगातार बढ़ रहा है। नोएडा का वायु प्रदूषण सूचकांक खतरे से दो गुना हो चुका है। शहर में हो रहे निर्माण कार्यों के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
नोएडा में बढ़ते प्रदूषण के बीच कई कार्यों पर प्राधिकरण ने लगाई रोक
मुख्य बातें
- नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ने दस कार्यों पर लगाया प्रतिबंध
- नोएडा में हॉट-मिक्स प्लांट और आरएसी तुरंत बंद करने का फैसला
- पांच सौ के करीब पहुंच चुका है नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक
Noida Air Pollution: राजधानी से सटे नोएडा में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। इस वक्त नोएडा में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई है। हालातों को देखते हुए नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने शहर में लगभग 10 कार्यों पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने का निर्देश जारी कर दिया है। नोएडा शहर में प्रदूषण के स्तर को देखते हुए अधिकारियों के साथ हाई लेवल की बैठक की गई। इसमें प्राधिकरण ने फैसला लिया कि नोएडा में हॉट-मिक्स प्लांट और आरएसी तुरंत बंद कर दिए जाएं।
मिली जानकारी के अनुसार नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 के आस—पास हो रहा है। दिल्ली और एनसीआर में पिछले कुछ दिनों से हवा की गुणवत्ता बेहद चिंताजनक स्थिति में पहुंच गई है। यहां रहने वाले लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कतों के अलावा आंखों में जलन होना भी शुरू हो चुका है।
इन कार्यों पर लगाया गया प्रतिबंध
बता दें कि जिला प्रशासन की ओर से कहा गया है कि मैकेनिकल स्वीपिंग में किसी भी तरह से धूल नहीं जमनी चाहिए। निर्माण स्थलों पर एंटी स्मॉग गन लगा होना जरूरी है। पांच हजार वर्ग मीटर की जगह पर स्मॉग गन लगानी ही पड़ेगी। 10 हजार वर्ग मीटर के क्षेत्र के लिए दो स्मॉग गन लगानी होगी। वहीं 15,000 वर्ग मीटर के लिए तीन स्मॉग गन और 20,000 वर्ग मीटर के निर्माण क्षेत्र के लिए चार स्मॉग गन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। डस्ट एप पर निर्माण कार्य का रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक कर दिया गया है।
खनन पर रोक, जेनरेटर के इस्तेमाल पर भी सख्ती
जानकारी के लिए बता दें कि सभी निर्माण स्थलों को कपड़ों या टिनशेड से कवर करने का निर्देश जारी किया गया है। खुले में आग लगाने पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया गया है। होटलों में बड़े तंदूरों का इस्तेमाल तत्काल प्रभाव से बंद किया गया है। पूरे जिले में किसी भी तरह के खनन की अनुमति नहीं दी जा सकती। यदि कोई खनन करते पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। कचरा, गत्ते और घास के पत्तों को जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। नोएडा प्राधिकरण ने डीजल इंजन और जेनरेटर के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। बता दें कि नोएडा में 90 स्प्रिंकलर टैंकर और 40 एंटी स्मॉग गन लगा दिए गए हैं। इसके साथ ही दमकल विभाग को शहर में छिड़काव के लिए पांच वाटर टैंकर दे दिए गए हैं। नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने बताया कि एकीकृत यातायात प्रबंधन प्रणाली (आईटीएमएस) के जरिए प्रदूषण सूचकांक की जांच की जा रही है।
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टाइम्स नाउ नवभारत author
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