खत्म होने वाला है इंतजार... उड़ान भरने को तैयार जेवर एयरपोर्ट! जानें कब मिलेगी फ्लाइट?
Jewar Airport: जेवर एयरपोर्ट उड़ान भरने के लिए तेजी से कमर कस रहा है। कार्य की प्रगति को परखने के लिए सिविल एविएशन मिनिस्टर किंजरापु राम मोहन नायडू आने वाले हैं। आइये जानते हैं यहां कब से फ्लाइटों का संचालन किया जा सकता है?
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट
Jewar Airport: नोएडा स्थित जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले रनवे का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। जल्द ही विमान उतारने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा सकता है। खुद एविएशन मिनिस्टर किंजरापु राम मोहन नायडू 25 अगस्त को एयरपोर्ट के निर्माण कार्य की समीक्षा करने पहुंच रहे हैं। मंत्री एयरपोर्ट की अबतक डेवलप रिपोर्ट चेक कर अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। तय समय में कार्य पूरा कर फ्लाइट संचालन हो सके, इसलिए शेष कार्य को कराने के लिए क्या तैयारियां हैं? इस पर अधिकारियों से बात करेंगे। माना जा रहा है कि हवाई अड्डे के पहले फेज का संचालन 31 दिसंबर तक किया जा सकता है। नवंबर माह में इसका ट्रायल संभव है। हालांकि, ट्रायल की निर्धारित तिथि तय नहीं हो सकी है। फिलहाल, एक रनवे और एटीसी टावर बनकर तैयार है, जो एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को सौंप दिया गया है।
यमुना प्राधिकरण के मुताबिक, 60 मीटर चौड़ा और 2900 मीटर लंबा यह रनवे देश का सबसे बड़ा रनवे है। यह अत्याधुनिक तरीके से तैयार किया जा रहा है। सितंबर महीने से इस पर विमान उतारने और चढ़ाने का ट्रायल शुरू किया जाएगा। ट्रायल के सफलतापूर्वक पूरा होने पर दिसंबर तक नियमित उड़ाने शुरू की जाएंगी। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ाने मिलेंगी।
एयरपोर्ट के मास्टर प्लान में बदलाव
इधर, एयरपोर्ट पर अंडरग्राउंड और दूसरे तरीकों से रेल और रोड कनेक्टिविटी दोनों को बेहतर बनाने के लिए प्लानिंग की जा रही है। इंस्ताबुल और बीजिंग की तर्ज पर एयरपोरेट के सभी रनवे के बीच की दूरी को 1.6km से बढ़ाकर अब 2.4km करने का फैसला लिया गया है। ज्यूरिख ने इसे लेकर एक्स मास्टर प्लान का प्रस्ताव शासन को भेजा है। इसे लेकर प्रशासन के एक अधिकारी का कहना है कि एयरपोर्ट के पहले चरण का निर्माण 1334 हेक्टर में किया जा रहा है। पहले चरण में दो रनवे और दो टर्मिनल बिल्डिंग का संचालन किया जाना है। इस साल दिसंबर माह में विमानों की उड़ान शुरू हो जाएगी। रनवे और टर्मिनल का काम 90% तर पूरा किया जा चुका है। इसके बाद साल 2025 में दूसरे रनवे का काम शुरू होना है। इसी बीच एयरपोर्ट बना रही कंपनी ज्यूरिख ने एयरपोर्ट के मास्टर प्लान में बदलाव करने का प्रस्ताव प्रशासन को भेजा है।
एयरपोर्ट के इस प्रस्ताव में कंपनी ने मौजूदा मास्टर प्लान के तहत दो रनवे के बीच की दूरी को 1600 मीटर बताया है। कंपनी का कहना है कि एयरपोर्ट के ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर (जीटीसी) से सड़क और रेल कनेक्टिविटी के लिए इतनी दूरी काफी नहीं है। इसके लिए उन्होंने चीन के बीजिंग और इस्तांबुल के एयरपोर्ट का हवाला देकर इस दूरी को 2400 मीटर करने क प्रस्ताव भेजा है, जिससे कि एयरपोर्ट पर यात्रियों को सभी तरह की कनेक्टिविटी प्रदान की जा सके।
एयरपोर्ट पर बनेंगे 6 रनवे
- पहला चरण 1334 हेक्टेयर में विकसित होगा
- 12 लाख यात्री यहां से हर साल उड़ान भर सकेंगे
- 96,400 फ्लाइट का आवागमन हो सकेगा हर साल
- 2,49,600 टन कार्गो यहां से आ-जा सकेगा
- 1,01,590 वर्ग मीटर में बन रही है टर्मिनल बिल्डिंग
- 1100 हेक्टेयर और बढ़ेगा एयरपोर्ट का क्षेत्रफल
- 7 हजार हेक्टर में बनेगा जेवर एयरपोर्ट
एयरपोर्ट के निर्माण में पहले चरण में 1334 हेक्टेयर, दूसरे में 1365 हेक्टेयर और तीसरी और चौथे चरण में 2082 हेक्टेयर में किया जाना है। लेकिन, अब इसमें 1100 हेक्टेयर जमीन और बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसमें कुछ जमीन सिंचाई विभाग की भी है। शासन स्तर पर कैबिनेट से फैसला लिया जाएगा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को कुल सात हजार से अधिक हेक्टेयर में विकसित करने की प्लानिंग है।
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पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्ष...और देखें
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