Noida: बच्चों के अस्पताल में जल्द मिलेगी एक खास सुविधा, हर बच्चा दिल से कहेगा Thank You

Noida: नोएडा में बच्चों के अस्पताल में जल्द मिल्क बैंक शुरू करने की तैयारी की जा रही है। चाइल्ड पीजीआई, सुशेना हेल्थ फाउंडेशन और धात्री मिल्क बैंक के बीच एमओयू साइन कर दिया है। इस समझौते के तहत 6 महीने तक लैक्टेशन यूनिट का संचालन किया जाएगा।

children Hospital and Postgraduate Educational Institute

बच्चों के अस्पताल में जल्द शुरू होगी मिल्क बैंक की सुविधा

Noida: नोएडा के बाल चिकित्सालय एवं स्नातकोत्तर शिक्षण संस्थान (Child PGI) ने मिल्क बैंक शुरू करने की तैयारी कर ली है। बताया जा रहा है कि ये मिल्क बैंक सितंबर में शुरू होगा। मिल्क बैंक शुरू करने के लिए सुशेना हेल्थ फाउंडेशन, धात्री मिल्क बैंक और बाल चिकित्सालय प्रबंधन के बीच गुरुवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते के अनुसार, 6 महीने तक लैक्टेशन यूनिट का संचालन किया जाएगा, उसके बाद मिल्क बैंक की शुरुआत की जाएगी।

मिल्क बैंक की सुविधा है जरूरी

सुशेना हेल्थ फाउंडेशन और धात्री मिल्क बैंक मिल्क बैंक की शुरुआत करने के लिए दो साल तक कर्मचारी, उपकरण और अन्य आवश्यक वस्तुओं को उपलब्ध करवाएगी। इसी संबंध में संस्थान के अधिकारियों द्वारा साल की शुरुआत में अस्पतालों का दौरा भी किया गया था। अस्पताल के दौरे के समय उन्होंने मिल्क बैंक की आवश्यकता, इलाज प्राप्त करने वाले बच्चों की संख्या आदि जानकारी एकत्रित की थी। उसके आधार पर उपकरणों को उपलब्ध करवाया जाएगा। बता दें कि मिल्क बैंक की शुरुआत नवजात बच्चों के लिए बहुत लाभकारी साबित होगी।

मिल्क बैंक का लाभ

नवजात बच्चों के लिए मां के दूध का सेवन आवश्यक है। ये उनकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसके अलावा कई अन्य बीमारियों से भी बचाता है। लेकिन मां के बीमार होने की वजह से या फिर अन्य कारणों के चलते नवजात बच्चों को दूध नहीं मिल पाता है। मिली जानकारी के अनुसार, करीब 50 प्रतिशत नवजात बच्चों को 6 महीने तक मां का दूध नहीं उपलब्ध होता है। मिल्क बैंक की सहायता से बच्चों को दूध उपलब्ध करवाया जाएगा।

ऐसे रखा जाएगा दूध सुरक्षित

मिल्क बैंक के नाम पर सबसे पहला सवाल ये उठता है कि इसे सुरक्षित कैसे रखा जाएगा। खराब होने से कैसे बचाया जाएगा। बताया जा रहा है कि जो महिलाएं दूध का दान देंगी पहले उनकी सेहत की जांच की जाएगी। स्वस्थ होने के बाद ही उनका दूध लिया जाएगा। दूध को खराब होने से बचाने के लिए उसे माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखा जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत दूध 6 महीने तक खराब नहीं होगा। इसके अलावा कई अत्याधुनिक मशीनों का उपयोग भी किया जाएगा।

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varsha kushwaha author

वर्षा कुशवाहा टाइम्स नाऊ नवभारत में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रही हैं। नवबंर 2023 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। वह इंफ्रा, डे...और देखें

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