ना नियमों का पालन, ना कोई रेगुलेशन, 5 साल में 4 गुना बढ़े E-Rickshaw

Noida News: गौतमबुद्ध नगर जिले में ई-रिक्शा की संख्या बढ़ती जा रही है। जिले में चलने वाले ऑटो से अधिक अब ई-रिक्शा की संख्या है। इससे न केवल जाम की स्थिति बनी हुई है बल्कि दुर्घटनाएं भी बढ़ गई है।

पांच साल में चार गुना बढ़ी ई-रिक्शा की संख्या

Noida News: एक स्थान से दूसरे स्थान तक कम पैसों में सुविधाजनक यात्रा के लिए ई-रिक्शा को बेहतर माना जाता है। इससे आपको लंबे समय तक बस या अन्य वाहनों के लिए इंतजार नहीं करना होता है। कम दूरी के लिए ये एक अच्छा वाहन है। लेकिन दिन-प्रतिदिन नोएडा में ई-रिक्शा की संख्या बढ़ती जा रही है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में चलने वाले ऑटो से भी अधिक अब ई-रिक्शा की संख्या है। आपको जगह-जगह उनकी लाइन लगी दिख जाएगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन इ-रिक्शाओं के कारण यातायात कितना प्रभावित हो रहा है और दुर्घटनाओं के मामले भी बढ़ने लगे।

बता दें कि पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए और सफर को आसान बनाने के लिए शुरू हुए ई-रिक्शा आज कई लोगों के लिए मुसीबत भी। इनके आड़े-टेड़े खड़े होने के कारण यातायात प्रभावित होने लगा है, जाम की स्थिति बनी रहती है और ये ट्रैफिक नियमों का पालन भी नहीं करते हैं, जिसके कारण दुर्घटनाएं होती हैं।

ऑटो से अधिक ई-रिक्शा की संख्या

परिवहन विभाग के द्वारा साझा जानकारी के अनुसार जिले में मात्र 19 हजार ऑटो हैं, जिसमें पिंक ऑटो और एनसीआर ऑटो भी शामिल है। वहीं ई-रिक्शा की संख्या की बात करें तो यहां रजिस्टर्ड ई-रिक्शा 21 हजार है। जानकारी के अनुसार, पिछले 5 वर्षों में ई-रिक्शा की संख्या 4 गुना बढ़ी है। उसके ऊपर बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे ई-रिक्शा को मिला दिया जाए तो ये संख्या और बढ़ जाएगी। ऑटो के लिए वाहन के रजिस्ट्रेशन के साथ चलाने का परमिट लेना भी आवश्यक है। लेकिन ई-रिक्शा के मामले में स्थिति अलग है। ई-रिक्शा के लिए केवल रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। परमिट की आवश्यकता नहीं है। यही कारण है कि आपको जिले के हर रूट पर ई-रिक्शा सड़कों पर दौड़ते दिख जाएंगे। इसके अलावा कई ऐसे ई-रिक्शा भी हैं जो बिना पंजीकरण के चला रहे हैं। उनकी वजह से भी परेशानियां अधिक बढ़ गई है।

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