नोएडा में मिलेगी प्रदूषण से राहत! यूपी का पहला एंटी स्मॉग टावर किया गया शुरू
Noida Authority: नोएडा में वायु प्रदूषण चरम पर है। हवा की गुणवत्ता इतनी खराब स्थिती में हैं कि, लोगों को आखों में जलन हो रही है। इसी बीच नोएडा के लोगों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। नोएडा में एंटी स्मॉग टावर की शुरूआत कर दी गई है। इससे टावर के आसपास के क्षेत्र में हवा साफ हो सकती है। कुछ महीने पहले इसमें खराबी आ गई थी, अब इसे ठीक कर दिया गया है।
नोएडा के लोगों को मिल सकती है प्रदूषण से राहत, एंटी स्मॉग टावर शुरू
मुख्य बातें
- एक साल पहले एंटी स्मॉग टावर किया गया था शुरू
- कुछ महीने पहले टेक्निकल समस्या के चलते हो गया था बंद
- नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के ऊपर
Noida News: नोएडा में आज से एक साल पहले उत्तर प्रदेश का पहला एंटी स्मॉग टावर लगाया गया था। दावा किया गया था कि, ये टावर एक वर्ग किमी के दायरे की हवा को प्रदूषण मुक्त कर देगा। इसे पायलट प्रोजेक्ट की तर्ज पर शुरू किया गया था। कुछ महीने पूर्व ये टावर टेक्निकल समस्या के कारण बंद हो गया था। इसको शुक्रवार देर रात ठीक करके फिर से शुरू कर दिया गया है।
बता दें कि, नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने बताया कि, इस टावर का संचालन BHEL कंपनी की ओर से किया जा रहा है। उन्होंने प्राधिकरण की ओर से बताया कि, टावर में तकनीकी दिक्कत आ गई थी। जिसे अब दूर कर लिया गया है। बता दें कि, विगत एक सप्ताह में नोएडा में एक्यूआई का स्तर तेजी से बढ़ा है। महज दो दिनों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार पहुंच गया है।
टावर के संचालन का खर्च वहन करेगा प्राधिकरणमिली जानकारी के अनुसार, एंटी स्मॉग टावर को ठीक क्यों नहीं कराया गया, इसको लेकर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी अविनाश त्रिपाठी ने बताया है कि, एक ट्रांसफार्मर से टावर को सप्लाई दी जा रही है। उसमें पहले खराबी आ गई थी, जिससे टावर बंद हो गया था। ट्रांसफार्मर को ठीक किया गया है। इसके अलावा कुछ सेंसर में भी खराबी थी, जिनको बदल दिया गया है। टावर को तीन करोड़ की लागत से बनवाया गया है। इसका संचालन BHEL कंपनी को करना है। इसके संचालन का खर्चा नोएडा प्राधिकरण को वहन करना होगा। जिसमें करीब 17 लाख रुपए तक प्राधिकरण सालाना देगा।
इस तरह हवा को साफ करेगा एंटी स्मॉग टावरजानकारी के लिए बता दें कि, सेक्टर-16ए की ग्रीन बेल्ट में 400 वर्गमीटर जमीन पर डीएनडी के पास इसे स्थापित कर दिया गया है। यह टावर एक वर्ग किमी की परिधि में प्रदूषित वायु को शुद्ध करने का काम करेगा। बता दें कि, सर्दी बढ़ने के साथ सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर (एसपीएम) सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन के ऑक्साइड एवं कार्बन मानोऑक्साइड प्रदूषण को कारक बनते हैं। दावा किया जा रहा है कि, टावर इन प्रदूषित गैसों पर भी असर दिखाएगा। बता दें कि, इस समय हवा में प्रदूषित गैसों की मात्रा इतनी ज्यादा है कि, लोगों का सांस लेना तक दूभर हो गया है। टावर के संचालन से लोगों को राहत मिलेगी।
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