Saras Mela 2025: कल सजेगा सरस मेला, कला-संस्कृति का दिखेगा संगम; लेटेस्ट आइटम देख मन झूम उठेगा
Saras Mela 2025: नोएडा के शिल्प हाट में 21 फरवरी से 'सरस आजीविका मेला- 2025' का आगाज हो रहा है। 20 राज्यों से 80 उद्यमी गृहणियों का समूह प्रदेश के प्रसिद्ध व्यंजनों के स्टॉल लगाएगा। उत्तर प्रदेश के होम डेकोर, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, सिक्किम सहित अन्य प्रदेशों के उत्पाद भी मेले में प्रदर्शित किए जाएंगे।

सरस आजीविका मेला- 2025 (फाइल फोटो)
Saras Mela 2025: नरेंद्र मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 'सरस आजीविका मेला-2025' का आयोजन 21 फरवरी से 10 मार्च तक किया जाएगा। यह मेला विशेष रूप से परंपरा, कला, संस्कृति और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया जा रहा है। इस मेले का आयोजन नोएडा के सेक्टर 33 स्थित शिल्प हाट में किया जाएगा। इस मेले की मुख्य थीम "लखपति दीदी की निर्यात क्षमता का विकास" रखी गई है। इसमें 400 से अधिक लखपति दीदी अपने उत्पादों के साथ भाग लेंगी, जो इस मेले को और भी खास बनाएंगे।
इतने करोड़ रुपये का होगा व्यापार
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित किए जाने वाले इस कार्यक्रम में 20 राज्यों से 80 उद्यमी गृहणियों का समूह प्रदेश के प्रसिद्ध व्यंजनों के स्टॉल लगाएगा। इसके अलावा, हैंडलूम, साड़ी, ड्रेस मैटेरियल, बिहार का कॉटन और सिल्क, उत्तर प्रदेश के होम डेकोर, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, सिक्किम सहित अन्य प्रदेशों के उत्पाद भी मेले में प्रदर्शित किए जाएंगे। अगर बीते साल के सरस मेले के बिजनेस आंकड़ों पर नजर डालें तो 2021 में 3.83 करोड़, 2022 में 5.3 करोड़, 2023 में 9.21 करोड़ और 2024 में 14 करोड़ का व्यापार हुआ था।
इस मेले का उद्देश्य न केवल लोकल उत्पादों को बढ़ावा देना है, बल्कि देशभर में ग्रामीण महिला उद्यमियों को एक मंच प्रदान करना है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो और वे निर्यात क्षमता में वृद्धि कर सकें। गौरतलब है कि साल 2024 में केंद्र सरकार के चौथे सरस आजीविका मेला का शुभारंभ 16 फरवरी को हुआ था, जो 4 मार्च तक प्रतिदिन सुबह 11 बजे से रात 9:30 बजे तक चला था।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा आयोजित सरस आजीविका मेला में ग्रामीण भारत की शिल्प कलाओं का मुख्य रूप से प्रदर्शन किया गया था। उस मेले में नोएडा हाट में करीब 28 राज्यों के 400 से अधिक महिला शिल्प कलाकार मौजूद थीं, जो परंपरा, हस्तकला एवं ग्रामीण संस्कृति तथा स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी थीं। इसके साथ ही 85 से ज्यादा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुए थे।
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