Noida: नोएडा में सीज होंगी इस सीरीज की गाडियां, ट्रैफिक पुलिस का नया फरमान, जानिए किसका आएगा नंबर
Noida: साइबर सिटी के प्रादेशिक परिवहन कार्यालय की ओर से करीब 1 लाख 19 हजार वाहनों के ओनर्स को नोटिस भेजे गए हैं। आरटीओ के निशाने पर फिलहाल मुख्य तौर पर जेड या यूपी 16 जेड सीरीज से शुरू होने वाली गाड़ियां हैं। इस सीरीज की गाड़ियां 15 साल पुरानी हैं व बुधवार से जो भी इस सीरीज की गाड़ी सड़क पर दिखेंगी उसे नोएडा ट्रैफिक पुलिस सीज कर देगी।

नोएडा में 15 साल पुराने वाहन अब नहीं दौड़ सकेंगे सड़कों पर (सांकेतिक तस्वीर)
- आरटीओ ने 1.19 लाख वाहन कंडम घोषित किए
- आरटीओ के निशाने पर जेड या यूपी 16 जेड सीरीज के वाहन
- डीजल व पेट्रोल के ये वाहन हैं 15 साल पुराने
Noida: नोएडा के लोगों के लिए ये एक अहम खबर है। अब पुरानी गाड़ियों को सड़कों पर दौड़ाना कहीं आपको भारी ना पड़ जाए। बता दें कि, पुरानी हो चुकी गाड़ियों को लेकर नोएडा की यातायात पुलिस अब एक बड़ा कदम उठाने जा रही है।
साइबर सिटी की यातायात पुलिस उन गाड़ियों को सीज करेगी, जिनका पंजीकरण समाप्त हो चुका है। इसके लिए प्रादेशिक परिवहन कार्यालय की ओर से करीब 1 लाख 19 हजार वाहनों के ओनर्स को नोटिस भेजे गए हैं। महकमे के अधिकारियों के मुताबिक, इन सभी गाड़ियों का पंजीकरण बुधवार से समाप्त हो गया है। इन सभी गाड़ियों में कुछ 15 वर्ष पुरानी पेट्रोल की गाड़ी हैं तो कुछ 10 साल पुरानी डीजल की गाड़ी हैं।
इस सीरीज के वाहन हैं निशाने पर सूत्रों के मुताबिक, 1.19 लाख गाड़ियों में से 23 वाहन सरकारी हैं, जिनमें कलेक्टर ऑफिस, पुलिस कमिश्नर ऑफिस, जिला कमिश्नर कार्यालय, ट्रेड टैक्स कमिश्नर व परिवार कल्याण विभाग सहित सर्विलांस मेडिकल अधिकारी की गाड़ी शामिल हैं। इसमें सबसे अहम बात तो ये है कि, आरटीओ के निशाने पर फिलहाल मुख्य तौर पर जेड या यूपी 16 जेड सीरीज से शुरू होने वाली गाड़ियां हैं। इस सीरीज की गाड़ियां 15 साल पुरानी हैं व बुधवार से जो भी इस सीरीज की गाड़ी सड़क पर दिखेंगी उसे नोएडा ट्रैफिक पुलिस सीज कर देगी। ऐसे में इस सीरीज के वाहन मालिकों के पास दो ही विकल्प हैं, या तो इन्हें भंगार में बेच दें, या फिर किसी दूसरे शहर में ट्रांसफर करवाने की परमिशन विभाग से लें।
ये होगा फायदासाइबर सिटी में सड़कों पर दौड़ रहे 15 साल पुराने वाहनों से होने वाले प्रदूषण से लोगों को राहत मिलेगी। वहीं एक साथ 1 लाख 19 हजार गाड़ियों के एकाएक सड़कों से गायब होने के चलते शहर में ट्रैफिक का दबाव घटेगा। पुराने पेट्रोल और डीजल के वाहनों के हटने से लोगों की सांसे सेहतमंद होंगी। पर्यावरण के क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ अनिल पुरोहित के मुताबिक, पुराने वाहन सबसे अधिक धुंआ छोड़ते हैं, जिससे प्रदूषण का स्तर वातावरण में अधिक बढ़ता है। इसके अलावा इससे लोगों के लंग्स में सांस लेने के दौरान ऑक्सीजन के साथ लेड, व कार्बन भी जाता है, जिससे कई तरह के सांस के गंभीर रोग होते हैं।
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