Noida News: नोएडा की एक सोसायटी में दिखा बाघ, दहशत में आए लोग, वन विभाग ने किया हैरान करने वाला खुलासा

Noida News: नोएडा की एक सोसायटी में बाघ देखे जाने की एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसे देख पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने बाघ की खोज करने के बाद एक खुलासा किया।

नोएडा की एक सोसाइटी में दिखा बाघ

Noida News: नोएडा में बाघ को देख लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। सोशल मीडिया पर बाघ देखे जाने की वीडियो तेजी से वायरल हो रही है, जिसे देख पैरामाउंट गोल्फ फॉरेस्ट और आसपास के क्षेत्र में हड़कंप मच गया। लोगों ने बचने के लिए खुद को घरों में कैद कर लिया है। बता दें कि बाघ को फ्रेट कॉरिडोर के टाउनशिप और रेलवे ट्रैक के बीच झाड़ियों में छिपा देखा गया। इसकी एक वीडियो व्हाट्सएप पर देख सोसायटी में रहने वाले शैलेश मोदी नामक व्यक्ति ने अपने दोस्तों को फोन कर घर में रहने की सलाह दी। बाघ दिखने की सूचना प्राप्त कर वन विभाग की एक टीम मौके पर पहुंची और करीब तीन घंटे तक बाघ की खोज की गई।

वन विभाग का बड़ा खुलासा

वन विभाग की टीम ने पूरी सोसाइटी में बाघ की खोज की लेकिन बाघ कहीं नहीं मिला। बाद में पता लगा की ये बाघ नहीं एक सॉफ्ट टॉय है। दूसरी तरफ जिला वन अधिकारी प्रमोद श्रीवास्तव ने कहा कि कुछ लोगों ने बाघ के देखे जाने की वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए दावा किया था कि ये पास के जंगल से भटककर आया है। वीडियो को ध्यान से देखने के बाद मालूम पड़ा कि ये बाघ नहीं एक सॉफ्ट टॉय है। उन्होंने बताया कि ये पहली घटना नहीं है। इस प्रकार की फेक वीडियो बनाकर लोगों में दहशत फैलाई जाती है। लोगों की शिकायत पर वन विभाग की टीम ने कई घंटे बाघ को ढुंढा। लेकिन बाघ का कोई नामोनिशान नहीं मिला।

मामले पर जानकारी देते हुए कहा कि हो सकता है कि खिलौना रखकर वीडियो शूट करने के बाद उसे हटा लिया गया हो। वन विभाग के अधिकारी ने ये भी कहा कि इस इलाके में बाघ के भटकने की संभावना बहुत कम है। इसके आगे श्रीवास्तव ने कहा कि वीडियो बनाने और फैलाने वाले लोगों की जांच की जा रही है, जिसके लिए सोसाइटी और उसके आसपास रहने वाले लोगों से पूछताछ की जा रही है। इस सोसाइटी में रहने वाले शैलेंद्र मोदी ने बताया कि सोसायटी में बाघ की वीडियो देख वह घबरा गए थे। उन्होंने बताया कि उन्हें घर के अंदर रहने और इस संदेश को जितना हो सके उतने लोगों तक पहुंचाने के लिए कहा गया था। शैलेश ने आगे बताया कि वन विभाग ने बाघ की कई घंटे खोज की और बाद में मालूम चला की ये एक सॉफ्ट टॉय था।

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