सुपरटेक प्रोजेक्ट का प्रस्ताव लेगा धार, NCLT ने दी दून स्क्वायर पूरा करने की इजाजत, होमबायर्स को घर मिलने में लगेगी देर

एनबीसीसी ने सुपरटेक को प्रोजेक्ट के प्रस्ताव का स्टेकहोल्डर, बैंक अथॉरिटी समेत होमबायर्स ने इस प्रस्ताव का विरोध किया था। हालांकि, एनसीएलटी ने सुपरटेक को दून स्क्वायर पूरा करने की अनुमति दे दी है। दून स्क्वायर प्रोजेक्ट को बैंक ऑफ बड़ौदा और होमबायर्स से सहमति मिल चुकी थी, जिसे एनसीएलटी ने स्वीकार भी कर लिया था।

Amrapali Projects

(प्रतिकात्म फोटो)

नोएडा: 19 सितंबर को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल में सुपरटेक कंपनी और एनबीसीसी की सुनवाई में एनबीसीसी ने सुपरटेक को प्रोजेक्ट को पूरा करने का प्रस्ताव दिया था, जिसका स्टेकहोल्डर, बैंक अथॉरिटी समेत होमबायर्स ने इस प्रस्ताव का विरोध किया था। इसे देखते हुए एनसीएलटी ने सभी स्टेकहोल्डर को एनबीसीसी के प्रस्ताव के विरोध का लिखित में जवाब दायर करने को कहा था। आईआरपी इस मामले में सारे स्टेकहोल्डर का जवाब लेकर एनसीएलएटी की अगली सुनवाई में पेश करेगी। इससे पहले आम्रपाली प्रोजेक्ट्स में अटके हुए घर और 17 परियोजनाओं का अधिग्रहण करने और अटके हुए 17 प्रोजेक्ट्स को पूरा कर होमबायर्स को फ्लैट्स सौंपने को तैयार थी। सुपरटेक की आवासीय परियोजनाओं में 50,000 से अधिक लोगों ने निवेश किया है। इनमें से कईयों को अभी तक फ्लैट्स नशीब नहीं हुए और न ही उन्हें रुपये वापस मिले। लिहाजा, एनबीसीसी ने परियोजनाओं को पूरा करने की अनुमति कोर्ट से मांगी थी।

दून स्क्वायर को पूरा करने की अनुमति

एनसीएलटी ने सुपरटेक को दून स्क्वायर पूरा करने की अनुमति दे दी है। दून स्क्वायर प्रोजेक्ट को बैंक ऑफ बड़ौदा और होमबायर्स से सहमति मिल चुकी थी, जिसे एनसीएलटी ने स्वीकार भी कर लिया था। जी बिजनेस के हवाले से सुपरटेक के चेयरमैन आर के अरोड़ा ने बताया कि एनसीएलटी का दून स्क्वायर को पूरा करने देने की अनुमति से ज्यादातर होमबायर्स हमारे साथ हैं। हालांकि, अथॉरिटी, बैंक और ज्यादातर बायर्स ने एनबीसीसी के प्रस्ताव का विरोध किया है, जिसे आईआरपी लिखित रूप में लेकर उसे एनसीएलएटी में जमा करेगी।
एनबीसीसी जो प्रस्ताव देगी इसे शुरू करने में कम से कम 6 से 12 महीने का समय लगेगा। चूंकि एनबीसीसी सबसे पहले प्रोजेक्ट का डयू डीजिलेंस अपने स्तर पर करेगी। हालांकि, यह काम AECOM, EY, CBRE, KHAITAN कंपनी कर चुकी है। एनबीसीसी सारे प्रोजेक्ट पर एक साथ काम शुरू नहीं करेगी, जिसके कारण फेज-2 और फेज-3 वाले होमबायर्स को लंबा इंतजार करना होगा। एनबीसीसी ने लैंड अथॉरिटी और बैंक के बकाया राशि चुकाने की कोई समयावधि तय नहीं है।
एनबीसीसी के प्रस्ताव में कंस्ट्रक्शन कॉस्ट काफी अधिक है, जहां एक ओर सुपरटेक ने पूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए लगभग 5192 करोड़ दी है। वहीं, दूसरी ओर एनबीसीसी ने कंस्ट्रक्शन की अनुमानित राशि 9478 करोड़ दी है, जो 10378 करोड़ तक पहुंचती है।
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Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

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