ओडिशा में कुदरत का कहर, बेमौसम बारिश से फसलें बर्बाद; सरकार ने मांगी रिपोर्ट
ओडिशा में बीते दिनों बेमौसम बारिश से फसलों को पहुंचे नुकसान को लेकर सरकार ने डीएम से रिपोर्ट मांगी है। बता दें कि 20 से 22 दिसंबर तक बेमौसम बारिश हुई, जिससे कई तटीय और अन्य जिलों में फसलों को नुकसान हुआ-
ओडिशा सीएम
Odisha Government: ओडिशा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि ओडिशा सरकार ने कई जिलों के जिलाधिकारियों से राज्य में बेमौसम बारिश के कारण फसलों को हुए नुकसान का आकलन करने और जल्द से जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है। राज्य के कई हिस्सों में 20 से 22 दिसंबर तक बेमौसम बारिश हुई, जिससे कई तटीय और अन्य जिलों में फसलों को नुकसान हुआ।
फसल नुकसान के लिए मिलेगा पर्याप्त मुआवजा
रविवार को पुजारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को बेमौसम बारिश के कारण तबाह हुई फसलों का आकलन करने के लिए कहा गया है।’’ उन्होंने कहा कि बारिश कम होने के बाद क्षेत्रीय राजस्व अधिकारी आकलन करेंगे। मंत्री ने प्रभावित किसानों को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार फसल नुकसान के लिए पर्याप्त मुआवजा देगी और शेष फसल की बिक्री के लिए सहायता प्रदान करेगी।
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इन जिलों के 15 लाख किसान पंजीकृत
बताया गया कि अंगुल, बालासोर, भद्रक, बौध, कटक, ढेंकनाल, देवगढ़, गजपति, गंजम, जगतसिंहपुर, जाजपुर, कंधमाल, केंद्रपाड़ा, क्योंझर, खुर्दा, कोरापुट, मयूरभंज, नवरंगपुर, नयागढ़, पुरी और रायगढ़ जैसे कई जिलों में पिछले दो दिनों में फसल का नुकसान हुआ है। सरकार ने कहा, ‘‘इन जिलों के करीब 15 लाख किसान, बीमा योजना के तहत पंजीकृत हैं।
काटी गई फसलों के नुकसान की सूचना देनी होगी
जिन किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (खरीफ-2024) के तहत अपनी खरीफ फसलों का बीमा कराया है, उन्हें बीमा मुआवजे का दावा करने के लिए अपनी काटी गई फसलों के नुकसान की सूचना देना आवश्यक है। फसल नुकसान के 72 घंटे के भीतर किसान ‘कृषि रक्षक’ ऐप का उपयोग करके नुकसान की जानकारी अपलोड कर सकते हैं या हेल्पलाइन के माध्यम से सूचित कर सकते हैं।’’
मौसम बारिश के कारण ज्यादा नुकसान
इस बीच, गंजाम जिले के किसानों ने धान खरीद मानदंडों में ढील देने की मांग की ताकि वे अपनी फसल सरकार को बेच सकें। किसान संगठन ‘रुशिकुल्या रैयत महासभा’ के सचिव सिमांचल नाहक ने कहा कि जिन किसानों ने फसल की कटाई कर ली थी और निकलवाने के लिए उसे खेतों में रख दिया था, उन्हें बेमौसम बारिश के कारण ज्यादा नुकसान हुआ है।
शेरगाडा खंड के तकराडा के किसान समीर प्रधान ने कहा, ‘‘हमें डर है कि नमी की वजह से फसलों को खरीदने से मना किया जा सकता है। हमने सरकार से धान की खरीद पर उचित औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) मानदंडों में ढील देने की मांग की है।’’ रंगेइलुण्डा में राज्य के वाणिज्य एवं परिवहन मंत्री विभूति भूषण जेना के दौरे के दौरान कई किसानों ने फसलों के नुकसान के लिए मुआवजे की मांग की है।
नुकसान का आकलन शुरू कर दिया गया
उन्होंने कई गांवों का दौरा किया और किसानों से बातचीत की। चूंकि गंजाम जिला प्रशासन ने नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है, इसलिए उसने फिलहाल धान की खरीद रोक दी है।
अधिकारी ने कहा कि संबंधित अधिकारी सात दिन में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। मंत्री ने कहा, ‘‘सरकार प्रभावित किसानों की मदद के लिए उचित कार्रवाई करेगी।’’ अधिकारी ने बताया कि प्रशासन ने पहले धान की खरीद सोमवार से शुरू करने का फैसला किया था और अब इसे तीन जनवरी तक के लिए टाल दिया है।
मुख्य जिला कृषि अधिकारी (सीडीएओ) आरएन पांडा ने बताया कि वास्तविक क्षति का आकलन करने के लिए कृषि, बागवानी और राजस्व विभाग के कर्मचारियों का संयुक्त सर्वेक्षण रविवार से शुरू हो चुका है।
उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण इसी महीने पूरा हो जाएगा।
इनपुटः भाषा
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