'ओडिशा सरकार गोहत्या निवारण अधिनियम में करेगी संशोधन', CM माझी बोले- परिवर्तनकारी बदलावों के लिए खाका तैयार

Odisha Government: ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शुक्रवार को घोषणा की कि पशु क्रूरता को कम करने के लिए उनकी सरकार की योजना ओडिशा गोहत्या निवारण अधिनियम, 1960 में संशोधन करने की है। उन्होंने कहा कि नयी सरकार को अभी अपने शुरुआती 100 दिन पूरे करने हैं, लेकिन ओडिशा ने सभी क्षेत्रों में परिवर्तनकारी बदलावों के लिए एक खाका तैयार कर लिया है।

ओडिशा के मुख्यमंत्री माझी (फोटो साभार: https://x.com/MohanMOdisha)

मुख्य बातें
  • सरकार ने सभी क्षेत्रों के लिए तैयार किया खाका।
  • प्राणी संपदा समृद्धि योजना भी तैयार कर रही ओडिशा सरकार।
  • लघु पशु प्रजनन नीति पर चल रहा काम।
Odisha Government: ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शुक्रवार को घोषणा की कि पशु क्रूरता को कम करने के लिए उनकी सरकार की योजना ओडिशा गोहत्या निवारण अधिनियम, 1960 में संशोधन करने की है। उन्होंने यह टिप्पणी पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘मानसून मीट’ के दौरान की।माझी ने गांवों में पशुपालन का दायरा बढ़ाकर, पशु स्वास्थ्य को बेहतर बनाकर, मत्स्यपालन और मधुमक्खी पालन के जरिये छोटे-सीमांत किसानों के जीवनस्तर में सुधार के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को रेखांकित किया।

CM माझी ने क्या कुछ कहा?

उन्होंने कहा, ‘‘ नयी सरकार को अभी अपने शुरुआती 100 दिन पूरे करने हैं, लेकिन ओडिशा ने सभी क्षेत्रों में परिवर्तनकारी बदलावों के लिए एक खाका तैयार कर लिया है, जिसका लक्ष्य तत्काल और दीर्घकालिक विकास दोनों है।’’ माझी ने कहा कि दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उनकी सरकार ने ‘मुख्यमंत्री कामधेनु योजना’ बनाई है जिसके तहत अगले पांच साल में 1,423.47 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘इस पहल से छोटी डेयरी इकाइयों को सहायता मिलेगी, बछड़ों के लिए रियायती दर पर चारा उपलब्ध होगा, पशुधन बीमा कवरेज में वृद्धि होगी तथा डेयरी सहकारी समितियों को मजबूती मिलेगी।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा ओडिशा ने राज्य दुग्ध सहकारी समितियों को मजबूत करने और दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य एनडीडीबी के साथ मिलकर बेहरामपुर में एक टीका उत्पादन इकाई और भुवनेश्वर में एक अत्याधुनिक फीड विश्लेषणात्मक प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए भी सहयोग कर रहा।
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