अनोखा है ये Village, हर चार में से 1 व्यक्ति सरकारी नौकरी में; IAS-IPS कां गांव भी कहते हैं इसे

बिहार के मधुबनी में एक ऐसा गांव है, जिसे विद्वानों का गांव के नाम से भी जाना जाता है। यह एक समृद्ध और संपन्न गांव​ है, जहां के हर चार में से एक आदमी सरकारी अधिकारी है। यहां हर परिवार किसी न किसी पेशे से जुड़ा हुआ है। आइए जानते हैं इस गांव की खासियत-

विद्वानों का गांव

मुख्य बातें
  • बिहार में है विद्वानों का गांव
  • कोइलख का प्राचीन नाम बासुदेवपुर
  • संस्कृत विद्या का सबसे बड़ा केंद्र था ये गांव
Koilakh Village: बिहार का मधुबनी कई मायनों में खास है। कहते हैं अगर किसी जगह की भाषा में मिठास है तो वो यही है। अपनी संस्कृति, कला और पेंटिंग के लिए यह दुनियाभर में जाना जाता है। इसे यूहीं नहीं धर्म, अध्यात्म और कला-संस्कृति का गढ़ कहा जाता है, यहां स्थित कपिलेश्वर स्थान, उगना महादेव मंदिर, सौरथ मधुबनी, उतैता, पेंटिंग, मखान, मछली और यहां के साहित्यकार इसे दुनियाभर में अगल पहचान दिलाते हैं। यहां कुल 1115 गांव हैं और उन्हीं में से एक है यहां का कोइलख गांव, जिसे विद्वानों का गांव भी कहा जाता है। खबरों के अनुसार यहां चार में से एक व्यक्ति सरकारी अधिकारी, आईएएस, आईपीएस या वैज्ञानिक होता है।
कैसे पड़ा कोइलख नाम ?
कोइलख गांव के पश्चिम दिशा में भगवती मां काली का मंदिर है। इसी भद्रकाली कोकिलाक्षी मंदिर के पश्चिम से कमला नदी निकलती है, जिसके नाम से इस गांव का नाम कोइलख पड़ा है। इस मंदिर में एक एक विशाल मंच भी है, जहां भद्रकाली नाट्य का अयोजन होता है। मंदिर के सामने एक विशाल तालाब भी है।
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