कुत्ते को भी मिलेगा स्वर्ग! अंतिम संस्कार से लेकर तेरहवीं तक का इंतजाम; जानें क्या है माजरा

यूपी के झांसी में कुत्ते की मौत के बाद उसे इंसानों की तरह अंतिम विदाई दी गई। उसके मालिक ने बाकायदा उसकी आत्मा की शांति के लिए तेरहवीं भोज का इंतजाम किया। इस भोज में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।

झांसी में कुत्ते की तेरहवीं

झांसी: रक्सा थाना क्षेत्र स्थित सुजवाह गांव के रहने वाले संजीव परिहार (55) अपनी पत्नी माला (50) के साथ रहते हैं। संजीव परिहार की कोई संतान नहीं है। इसलिए इन्होंने 13 वर्ष पहले दो पोमेरेनियन कुत्ते के बच्चे बिट्टू जो नर (कुत्ता) है और और मादा पायल को पाल लिया था। दोनों पति-पत्नी इन्हें अपने बच्चों की तरह रखते थे। लेकिन, 24 अक्टूबर की दोपहर दोनों घर से ही कुछ दूर पर घूम रहे थे। इसी दौरान आवारा कुत्तों के झुंड ने दोनों पोमेरेनियन कुत्तों को घेर लिया। फिर क्या था दोनों आवारा कुत्तों से भिड़ गए, लेकिन वो आवारा कुत्तों का मुकाबला नहीं कर पाए।

कुत्ते को दफन किया गया

इसी दौरान पायल नाम की कुतिया आवारा कुत्तों के चंगुल से बचकर वापस घर आ गई, लेकिन बिट्टू गंभीर रूप से घायल हो गया। हालांकि, इलाज के लिए कुत्ते को झांसी ले जाया गया, लेकिन वह बच नहीं सका। घटना के बाद बाकायदा कुत्ते को दफन किया गया। उस दिन कुत्ते के मालिक घर में खाना नहीं बना। तीन-चार दिन यही हालात रहे। फिर ग्रामीणों ने संजीव को समझाया। संजीव ने उसी दिन तेहरवीं करने की प्रतिज्ञा कर ली और कुत्ते की अस्थियां लेकर इलाहाबाद विसर्जन करने भी गया।

इलाहाबाद से आने के बाद उसने कुत्ते की तेरहवीं करने का निर्णय लिया। घर वाले भी राजी हो गए। कुत्ते बिट्टू की तेरहवीं में गांव और रिश्तेदार मिलकर 1000 लोगों ने खाना खाया, जिसमें विभिन्न प्रकार की मिठाईयां और साग, पूड़ी इत्यादि पकवान बनवाए गए। कुत्ते की यह तेरहवीं क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी है।

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