जिस बैसारन घाटी में आतंकियों ने खेला खूनी खेल, उसे क्यों डबलिंग हंटिंग पॉइंट भी कहते हैं?

Baisaran Valley in Jammu kashmir: पहलगाम की बैसारन घाटी में इन दिनों दहशत का माहौल है। यहां पर आतंकियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों को गोली मारकर मौत के घाट उतारा है। यह जगह मिनी स्विट्जरलैंड और डबलिंग हंटिंग पॉइट के नाम से भी जानी जाती है। इस नाम के पीछे की वजह और इस जगह का राजा हरि सिंह से क्या संबंध है, आइए जानते है:

Baisaran

बैसारन घाटी (फाइल फोटो)

Baisaran Valley in Pahalgam: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम जिले की खूबसूरत बैसारन घाटी एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार वजह बेहद दर्दनाक है। यहां पर हाल ही में आंतकवादियों ने कायराना हमला कर 26 निर्दोष पर्यटकों की जान ली है। मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से फेमस बैसारन घाटी आमतौर पर टूरिस्टों के बीच बेहद लोकप्रिय है। यहां पर कई मशहूर फिल्मों की भी शूटिंग हो चुकी है। बैसारन घाटी डबलिंग हंटिंग पॉइंट के नाम से भी जानी जाती है। यह घाटी ऐतिहासिक रूप से भी काफी अहम है, क्योंकि इस जगह का संबंध जम्मू-कश्मीर रियासत के अंतिम महाराजा, राजा हरि सिंह से भी जुड़ा हुआ है।

क्यों फेमस है बैसारन घाटी?

पहलगाम जिले में स्थित बैसारन घाटी को अपनी प्राकृतिक खूबसूरती, मनमोहक दृश्यों और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। यहां पर एक घास का मैदान है। यह जगह देवदार के पेड़ों और बर्फ के पहाड़ों से घिरी हुई है। जिस कारण यहां स्वर्ग जैसा एहसास होता है। इस वजह से इसे कश्मीर की जन्नत भी कहा जाता है। बैसारन घाटी को लेकर एक किंवदंती है कि राजा हरि सिंह ने यहां एक ही तीर से एक हिरण और एक शेर को निशाना बनाकर मारा था। इस कारण यह जगह डबलिंग हंटिंग पॉइंट के नाम से भी फेमस है।

बैसारन घाटी का ट्रैक

बैसारन घाटी में लोग घोड़े-टट्टू की सवारी, जोरबिंग और जिपलाइनिंग जैसी एक्टिविटीज का आनंद उठाते हैं। बैसारन घाटी ट्रैक में कई खूबसूरत नजारे दिखाई देते हैं। इस ट्रैक की लंबाई 7.5 किलोमीटर है। जिसमें कुल 15 किलोमीटर ऊपर और नीचे का ट्रैक होता है। ट्रैकिंग में ऊपर जाते वक्त टट्टू की सवारी से करीब एक घंटे का समय लगता है। वहीं नीचे आते समय 25 से 30 मिनट लगते हैं। इसके अलावा पैदल इस ट्रैक को पूरा करने में ऊपर की ओर 1.5 घंटे का समय लगता है। नीचे आने में करीब 45 मिनट का समय लग सकता है। इस ट्रैक पर पर्यटक आमतौर पर नीचे जाते समय पैदल चलना पसंद करते हैं और ऊपर जाते समय टट्टू की सवारी लेते हैं।

बैसारन घाटी में फिल्मों की शूटिंग

मिनी स्विट्जरलैंड कहीं जाने वाली बैसारन घाटी के खूबसूरत दृश्य कई फिल्मों में भी देखने को मिले हैं। यहां पर कई पुरानी और फेमस फिल्मों की शूटिंग हो चुकी हैं। बैसारन घाटी में जिन फिल्मों की शूटिंग हुई, उनमें 1964 में आई फिल्म कश्मीर की कली, 1965 में आरजू, 1965 में जब-जब फूल खिले, 1976 में कभी-कभी, 1981 में सिलसिला, 1982 में सत्ते पे सत्ता, 1974 में रोटी और 1983 में आई फिल्म बेताब शामिल हैं।

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Pooja Kumari author

पूजा सितंबर 2023 से Timesnowhindi.com से जुड़ी हुई हैं। यहां बतौर कॉपी एडिटर सिटी न्यूज, मेट्रो- रेल और रोड इंफ्रास्ट्रक्चर, डेवलपमेंट, मौसम, क्राइम, ...और देखें

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