Patna Hanuman Mandir: पटना का हनुमान मंदिर क्यों है इतना खास, जानिए मंदिर से जुड़ी खास बातें

पटना का महावीर मंदिर प्राचीन मंदिरों में से एक है। यहां आने वाले भक्तों की हर मुराद पूरी होती है। यहां एक साथ हनुमान जी की दो प्रतिमाएं विराजमान हैं। आज हम इस प्राचीन और अनोखे मंदिर के इतिहास के बारे में जानेंगे।

पटना महावीर मंदिर

Patna: भारत में वैसे तो कई मंदिर हैं, जिनका अपना खास महत्व है। उन्हीं मंदिरों में से एक उत्तर भारत के पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर है। हर साल रामनवमी पर अयोध्या की हनुमानगढ़ी के बाद सबसे ज्यादा भीड़ यहीं उमड़ती है। इस मौके पर हर साल पूरा मंदिर परिसर जय श्रीराम के नारे से गूंज उठता है। भगवान हनुमान का यह मंदिर प्राचीन मंदिरों में से एक है। ऐसी मान्यता है कि यहां भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है। तो आइए आज इस मंदिर के खासित के बारे में जानते हैं।

इस महावीर मंदिर को 1730 इस्वी में स्वामी बालानंद ने स्थापित किया था। साल 1900 तक यह मंदिर रामानंद संप्रदाय के अधीन था। उसके बाद इसपर 1948 तक इसपर गोसाईं संन्यासियों का कब्जा रहा। फिर साल साल 1948 में पटना हाइकोर्ट द्वारा इसे सार्वजनिक मंदिर घोषित कर दिया गया। जिसके बाद साल 1985 में मंदिर का निर्माण शुरु हुआ और आज इस भव्य मंदिर भक्तों की भीड़ उमड़ती है।

मंदिर की खासियत

मंदिर के गर्भगृह में भगवान हनुमान की मूर्ती है। इसके साथ ही मंदिर में सभी देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित की गई हैं। कहते हैं कि इस मंदिर में रामसेतु का पत्थर कांच के बरतन में रखा हुआ है। 15 किलो का यह पत्थर पानी में सदैव तैरता रहता है। यहां बजरंग बली की युग्म मूर्तियां एक साथ हैं। एक मूर्ति परित्राणाय साधूनाम के रूप में है यानी अच्छे लोगों के इच्छा पूर्ण करती है और दूसरी मूर्ति विनाशाय च दुष्कृताम्बु के रूप में, जो बुरे लोगों की बुराई दूर करती है।

End Of Feed