10 rupees treatment in Patna: पटना में आज भी यह डॉक्टर 10 रुपए में करता है लोगों का इलाज, जो असमर्थ उनका मुफ्त में ऑपरेशन
राजधानी में निजी डॉक्टरों की मोटी फीस से हर कोई परेशान है। डॉक्टर अपनी फीस हर छह महीने या साल भर पर बढ़ा दे रहे हैं। वहीं, शहर में एक ऐसे भी डॉक्टर हैं, जो सिर्फ 10 रुपए फीस लेकर लोगों का इलाज कर रहे हैं। डॉ. एजाज अली को गरीबों का मसीहा कहा जाता है।
डॉ. एजाज अली 10 रुपए में करते हैं लोगों का इलाज
मुख्य बातें
- डॉ. एजाज अली 10 रुपए में करते हैं लोगों का इलाज
- 1994 से अब तक सिर्फ 10 रुपए ही ले रहे हैं फीस
- पटना शहर में चला रहे हैं दो क्लीनिक
Patna News: स्वास्थ्य के लिए लोग हर कीमत चुकाने को तैयार रहते हैं। डॉक्टरों की मोटी फीस चुकाने के लिए घर एवं अन्य संपत्ति तक बेच दे रहे हैं। ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए डॉ. एजाज अली मसीहा बने हुए हैं। यह सिर्फ 10 रुपए लेकर मरीजों का इलाज करते हैं। 1994 से अब तक इनकी क्लीनिक की फीस 10 रुपए ही है। जिस मरीज को ऑपरेशन करवाना होता है और उसके पास रुपए नहीं होते हैं, उसका मुफ्त ऑपरेशन भी कर देते हैं।संबंधित खबरें
इतना ही नहीं पैथोलॉजी जांच में डॉ. एजाज के रेफरेंस पर कम पैसे लिए जाते हैं। अभी डॉ. एजाज के शहर में दो क्लीनिक संचालित हो रहे है। एक भिखना पहाड़ी पर, जो कि पहला क्लीनिक है और दूसरा दीघा-आशियाना रोड पर संचालित किया जा रहा है। इन दोनों क्लीनिक में खुली छत के नीचे वह मरीजों का इलाज करते हैं। यहां बिहार के अलग-अलग हिस्सों से मरीज अपना इलाज करवाने आते हैं।संबंधित खबरें
हर दिन लगती है मरीजों की लाइनसंबंधित खबरें
डॉक्टर एजाज अली पटना ही नहीं कई जिलों में प्रसिद्ध हैं। इनकी बेहतर चिकित्सकीय सलाह की वजह से दोनों क्लीनिक पर मरीजों की भीड़ जुटती है। 1994 से अब तक इनके क्लीनिक पर मरीजों की संख्या नहीं घटी है। इनके क्लीनिक आए मरीजों का कहना है कि डॉ. एजाज अली की दवा एवं परामर्श हमेशा काम करती है। यही वजह है कि यहां गरीब-असहाय लोगों के अलावा कई संपन्न लोग भी आकर अपना इलाज करवाते हैं।संबंधित खबरें
कम पैसों में जरूरतमंदों का इलाज करने की अपीलसंबंधित खबरें
डॉ. एजाज अली का कहना है कि मैंने 1994 में प्रैक्टिस शुरू की थी। तब से फीस नहीं बढ़ाई। शुरुआत के समय में 10 रुपए फीस लेता था और अब भी 10 रुपए ही फीस ले रहा हूं। उन्होंने शहर के अन्य डॉक्टरों से अपील की कि गरीब-असहाय लोगों का दुख-दर्द समझें और कम पैसों में इनका इलाज करें। ताकि इलाज के अभाव में किसी की जान नहीं जाए। किसी का परिवार बेसहारा या बर्बाद नहीं हो।संबंधित खबरें
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