बिहार के 16 पूर्व मुख्यमंत्री, जिन्होंने लोकसभा चुनाव में आजमाया भाग्य; जानिए क्या हुआ हाल

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होगा। 4 जून को पता चल जाएगा कि इस बार केंद्र में किस पार्टी की सरकार बनेगी। आज हम बिहार के उन मुख्यमंत्रियों की कहानी लेकर आए हैं, जिन्होंने CM बनने से पहले या बाद में लोकसभा चुनाव लड़ा।

Bihar cms

बिहार के मुख्यमंत्रियों का लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन

बिहार एक ऐसा राज्य है, जहां का बच्चा-बच्चा राजनीतिक को अच्छे से समझता है। यहां राजनीति पर चर्चा भी होती है। यह आंदोलनों की धरती है। स्वतंत्रता से पहले से ही बिहार ने देश को कई बड़े नेता दिए हैं। इन नेताओं ने बिहार और देश को आगे बढ़ाने में योगदान दिया। बिहार के कई पूर्व मुख्यमंत्रियों ने भी लोकसभा चुनाव में हाथ आजमाया और कई नेताओं ने केंद्र की राजनीति छोड़ राज्य में जड़ें जमाई और बाद में मुख्यमंत्री बने। जीतन राम मांझी भी ऐसे एक नेता हैं, जो पहले राज्य के मुख्यमंत्री रहे और अब वह लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। वह 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं और उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। आईए आज बिहार के ऐसे ही नेताओं के बारे में जानते हैं जो कभी न कभी बिहार के मुख्यमंत्री रहे और उन्होंने इससे पहले या इसके बाद लोकसभा चुनाव भी लड़ा।

जीतन राम मांझी गया सुरक्षित सीट से NDA के उम्मीदवार बनाए गए हैं। साल 2019 में पिछले लोकसभा चुनाव में वह महागठबंधन में शामिल थे और अपनी हम पार्टी की तरफ से उम्मीदवार थे। उन्हें JDU के विजय कुमार मांझी से हार का सामना करना पड़ा था।

ये भी पढ़ें - वोटर लिस्ट से नाम कट गया है तो जानिए अब क्या करें

नीतीश का हालनीतीश कुमार राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री हैं। वह साल 2004 में बाढ़ की सीट से लोकसभा चुनाव हार गए थे, लेकिन नालंदा में उन्हें जीत मिली थी। नीतीश कुमार अब तक 6 बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं।

पांच बार जीते लालू यादव, राबड़ी हर गईंराज्य के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने केंद्र से ही अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। वह अब तक पांच बार लोकसभा के लिए चुने गए हैं। साल 1977 के बाद वह 1989, 1998, 2004 और 2009 में भी लोकसभा चुनाव जीते। लालू यादव की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी साल 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ीं, लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा।

ये भी पढ़ें - यहां एक ही चरण में पूरा हो जाएगा मतदान

राज्य के एक और मुख्यमंत्री रहे दारोगा प्रसाद राय साल 1977 में महाराजगंज से लोकसभा चुनाव लड़े, लेकिन वह हार गए। इसी तरह चंद्रशेखर सिंह को 1980 और 1985 के लोकसभा चुनाव में जीत मिली थी।

कर्पूरी ठाकुर को मिली हारबिंदेश्वरी दूबे ने 1980 में लोकसभा चुनाव लड़ा और जीता, जबकि कर्पूरी ठाकुर 1984 के लोकसभा चुनाव में हार गए। भागवत झा आजाद ने पांच बार लोकसभा चुनाव लड़ा, वह तीसरी, चौथी, पांचवी, सातवीं और आठवीं लोकसभा के लिए चुए गए थे।

ये भी पढ़ें - अपने मोबाइल में जरूर download कर लें ये APPs, मिलेंगी कई सुविधाएं

डॉ. जगन्नाथ मिश्र ने 1991 में लोकसभा चुनाव लड़ा और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। उधर महामाया प्रसाद सिन्हा ने 1977 के लोकसभा चुनाव में जीत का परचम लहराया था। 1977 में ही अब्दुल गफूर ने गोपालगंज से चुनाव लड़ा और उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था।

केदार पांडे और बीपी मंडल भी हारेपूर्व मुख्यमंत्री रामसुंदर दास ने 2014 में हाजीपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार मिली। केदार पांडे 1980 में बेतिया से लोकसभा चुनाव लड़ा और हार का सामना करना पड़ा, इसी साल बीपी मंडल को भी हार का मुंह देखना पड़ा था।

सत्येंद्र नारायण सिन्हा पहले लोकसभा चुनाव से 1984 के लोकसभा चुनाव तक कुल 6 बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। 1989-90 में वह बिहार के मुख्यमंत्री बने। लोग उन्हें प्यार से छोटे साहब कहकर बुलाते थे। वह स्वतंत्रता सेनानी थे और कांग्रेस, कांग्रेस-ओ और जनता दल में रहे।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | पटना (cities News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

Digpal Singh author

खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्लोमा करने के बाद मीडिया जगत में दस्तक दी। कई अखबार...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited