बिहार में शराब माफियाओं की खैर नहीं, 10 हजार तस्करों की सूची तैयार

बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब की सप्लाई होने से नीतीश सरकार पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। लिहाजा, सरकार ने राज्य में 9,538 तस्करों की सूची तैयार कर कार्रवाई की बात कही है।

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों शराब तस्करों को लेकर एक सूची तैयार कराने की बात कही थी। इसकी शुरुआत पुलिस ने कर दी है। पूर्वी चंपारण जिला में शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने के लिए मोतिहारी पुलिस ने शराब माफियाओं के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। पुलिस अधीक्षक कार्यालय ने पंचायतवार शराब माफियाओं की सूची तैयार करने का निर्देश दिया था, जिसके तहत जिले भर में सक्रिय शराब माफियाओं की पहचान की गई है। इस सूची के अनुसार, कुल 9,538 लोग शराब के अवैध कारोबार में संलिप्त पाए गए हैं, जो जिले की लगभग 70 लाख की आबादी का केवल 0.001 प्रतिशत हिस्सा है।

फरार माफियाओं की संख्या 1,273

पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने बताया कि जिले में शराब कांडों में फरार माफियाओं की संख्या 1,273 है, जबकि 5,755 लोग जमानत पर बाहर हैं। इसके अलावा 2,510 संदिग्ध सक्रिय शराब माफियाओं की पहचान की गई है। आंकड़े इस बात की ओर इशारा करते हैं कि शराब माफियाओं का नेटवर्क जिले में काफी सक्रिय है। वहीं, मोतिहारी पुलिस शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। पंचायतवार सूची तैयार होने के बाद पुलिस अधीक्षक ने फरार शराब माफियाओं की जल्द से जल्द गिरफ्तारी, आत्मसमर्पण और संपत्ति कुर्की की कार्रवाई का निर्देश सभी थाना प्रभारियों को दिया है।

इसके अलावा, जमानत पर मुक्त कारोबारियों को कड़ी निगरानी में रखा जाएगा और उन्हें 5-10 लाख रुपये तक की बाउंड डाउन करने के साथ-साथ गुंडा पंजी में नाम डालने के आदेश दिए गए हैं। इनकी प्रत्येक रविवार को थाना में गुंडा परेड भी कराई जाएगी, ताकि उनकी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा सके। पुलिस ने उन संदिग्ध सक्रिय शराब माफियाओं के खिलाफ भी कार्रवाई को तेज की है, जो अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर थे। इन कारोबारियों के खिलाफ जानकारी एकत्रित की जा रही है और शीघ्र ही कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी। मोतिहारी पुलिस ने शराब की तस्करी में संलिप्त लोगों से अपील की है कि सभी समाज की मुख्य धारा से जुड़ें और अपने जीवन को सुधारें।

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