Best Places to Visit in Bihar: बिहार में घूमने के लिए ये हैं सबसे बेहतरीन जगहें, मौका मिलते ही घूम आइए
Best Places to Visit in Bihar: बिहार में ऐतिहासिक से लेकर धार्मिक तक कई ऐसी जगहें हैं, जहां छुट्टियों में घूमने के लिए जाया जा सकता है। बिहार में सिख, बौद्ध, जैन और हिंदू धर्म से जुड़े कई ऐतिहासिक स्थल है, जिसका अपना एक अलग धार्मिक महत्व है और जहां हर साल लाखों लोग घूमने के लिए आते हैं।
बिहार में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह
Best Places to Visit in Bihar: बिहार- गौतम बुद्ध की धरती, मगध जैसा शक्तिशाली राज्य और गणतंत्र की गूंज जहां सबसे पहले सुनाई दी, ऐसा गौरवशाली इतिहास है बिहार का। यहां एक से एक प्रतापी राजा हुआ, पहला गणतंत्र लागू हुआ और बौद्ध जैसे धर्म का उदय भी यहीं से हुआ। इस राज्य में कई ऐसी जगहें हैं, जिनका इतिहास में अपना एक अलह स्थान है, कई ऐसी जगहें हैं जहां घूमने की तमन्ना लिए लोग विश्व के कई देशों में पैदा होते हैं। हर साल लाखों पर्यटक बिहार आते हैं। आइए जानते हैं उन जगहों के बारे में जहां मौका मिलते ही आपको घूम आना चाहिए।
बोध गया
इस शहर का नाम घूमने की लिस्ट में सबसे पहले आता है। यहीं पर भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। बोधगया बिहार के गया जिले में स्थित एक बौद्ध तीर्थ स्थल है। महाबोधि मंदिर के लिए प्रसिद्ध, यहीं बोधि वृक्ष के नीचे गौतमबुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। यह अब यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में से एक है। यहां जापान, चीन, थाईलैंड, श्रीलंका, नेपाल, बर्मा सहित कई देशों से हर साल लाखों लोग आते हैं। नेरंजना नदी के पास स्थित बोधगया को पहले उरुवेला के नाम से जाना जाता था। 18वीं सदी तक इसे संबोधि, वज्रासन या महाबोधि के नाम से भी जाना जाता था। यह चार महत्वपूर्ण बौद्ध स्थलों में से एक है। यहां 80 फीट ऊंची भगवान बुद्ध की मूर्ति भी है।इसे 18 नवंबर 1989 को 14वें दलाई लामा द्वारा प्रतिष्ठित किया गया था। प्रतिमा के लिए आधारशिला 1982 में रखी गई थी।
नालंदा
जब दुनिया जीने की कला सीख रही थी, तब यह शहर पूरी दुनिया के लिए शिक्षा का केंद्र था। पांचवीं शताब्दी में गुप्त शासन कुमार गुप्त ने इसकी स्थापना करवाई थी। यहां विश्व के कई विद्वान पढ़ने के लिए उस समय आए थे। यहां बौद्ध से लेकर जैन तक का तीर्थ स्थल है। बौद्ध धर्म के अलावा, यह जैन धर्म, हिंदू धर्म और सूफीवाद का भी एक महत्वपूर्ण केंद्र है। समृद्ध विरासत और ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए यह एक हॉट टूरिस्ट डेस्टिनेशन है।
वैशाली
यह वह शहर है जहां भगवान महावीर का जन्म हुआ था। वैशाली एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है जो कभी लिच्छवी शासकों की राजधानी हुआ करता था। दुनिया के पहले गणतंत्र की स्थापना भी यहीं हुई थई। वैशाली का नाम महाभारत के समय से राजा विशाल के नाम पर रखा गया था। यह वह शहर भी है जहां बुद्ध ने अपना अंतिम उपदेश दिया था। यहां हर साल पर्यटकों का तांता लगा रहता है। यह अपनी खूबसूरत तवायफ आम्रपाली के लिए भी जाना जाता है।
पटना
पटना, बिहार की राजधानी होने के साथ-साथ कई साम्राज्यों की राजधानी रही है। उन साम्राज्यों के ऐतिहासिक चिन्ह आज भी यहां मौजूद हैं। गंगा किनारे बसा यह शहर कई धर्मों का केंद्र है। गंगा नदी के दक्षिणी किनारें पर बसा यह शहर दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक है। यह हिंदुओं, सिखों, जैनियों और बौद्धों के तीर्थ स्थलों का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। यहां पटना साहिब गुरुद्वारा, पटना तारामंडल, गोलघर, कुम्हरार, आगमकुआं, दीदारगंज जैसे जगह घुमने के लिए आकर्षण का केंद्र हैं।
राजगीर
राजगीर एक ऐसा शहर है जहां चारों ओर खूबसूरत दृश्यों से मन मोहित हो जाता है। यहां की हवा में आध्यात्मिकता घुली हुई है। इस शहर का, हिंदू, बौद्ध और जैन तीनों धर्मों के इतिहास में एक अलग ही महत्व है। कभी मगध राज्य की राजधानी भी यहां रही थी। भगवान बुद्ध की साधना भूमि के तौर पर भी इस शहर को जाना जाता है। इस शहर का जिक्र कई ऐतिहासिक धर्म ग्रंथों में किया गया है। जरासंध ने यहीं पर कृष्ण को हराकर द्वारका जाने के लिए मजबूर कर दिया था। यहां वन्य जीव अभ्यारण, गृद्धकूट पर्वत, लाल मन्दिर, वीरशासन धाम तीर्थ, दिगम्बर जैन मन्दिर, गर्म जल के झरने, स्वर्ण भंडार, विपुलाचल पर्वत, बिम्बिसार का बंदीगृह, सप्तपर्णी गुफा, मनियार मठ, गिरियक स्तूप देखने लायक जगह हैं।
पावापुरी
पावापुरी जैनियों के लिए एक पवित्र स्थल है। यह पूर्वी भारत में बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थित है। बहुत समय पहले, पावापुरी मॉल महाजनपद की जुड़वां राजधानी थी। महाजनपद बाद में मगध राज्य का हिस्सा बन गया और अजातशत्रु भगवान महावीर के भक्त थे। अजातशत्रु के शासन काल में पावापुरी के राजा को हस्तीपाल के नाम से जाना जाता था। जैन धर्म का यह एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, यहीं पर भगवान महावीर को 500 ईसा पूर्व में मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। यहां मौजूद जल मंदिर मंदिर विश्व भर में प्रसिद्ध है।
वाल्मीकि नेशनल पार्क
अगर आप जंगली जानवरों, बाघों को देखने के शौकीन हैं, तो यह जगह आपकी लिस्ट में सबसे ऊपर होनी चाहिए। यह नेशनल पार्क बाघों के संरक्षण के लिए समर्पित है। यहां 40 से ज्यादा बाघ आज की तारीख में मौजूद हैं। पश्चिम चंपारण जिले में स्थित, वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान गंडक नदी के तट पर भारत-नेपाल सीमा पर स्थित है। विशाल क्षेत्र में फैले इस पार्क को दो भागों में बांटा गया है- वर्ष 1978 में घोषित वन्यजीव अभ्यारण्य 545 वर्ग किमी के क्षेत्र को कवर करता है और राष्ट्रीय उद्यान जिसे 1990 में लगभग 335 वर्ग किमी के क्षेत्र में स्थापित किया गया था।
इन जगहों के अलावा भी बिहार में कई ऐसी जगहें हैं जिनका अपना ऐतिहासिक महत्व है। बिहार के और पर्यटन स्थलों की जानकारी के लिए आप बिहार पर्यटन (Bihar Tourism) की वेबसाइट पर जा सकते हैं।
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