बिहार में रोजाना 200 रुपये से भी कम कमाती है 34% आबादी, जानिए किस जाति के लोग सबसे ज्यादा अनपढ़

Bihar Caste Based Survey: बिहार सरकार ने मंगलवार को राज्य की जातिगत जनगणना की रिपोर्ट विधानसभा में पेश की। रिपोर्ट में राज्य की कुछ चौंकाने वाले बातें भी सामने आई हैं। बिहार की इतनी बड़ी आबादी में मांत्र 7 फीसदी लोग ही स्नातक (ग्रेजेएट) हैं। वहीं सवर्णों में सबसे ज्यादा गरीब भमिहार समुदाय के लोग हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर (ट्विटर)

मुख्य बातें
  • सरकार ने विधानसभा में पेश की जातिगत जनगणना की रिपोर्ट
  • 13 करोड़ आबादी में मात्र 7 फीसदी लोग ही हैं ग्रेजुएट
  • सवर्णों में सबसे गरीब भूमिहार और ब्राह्मण समुदाय के लोग

Bihar Caste Based Survey: बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने पिछले दो अक्टूबर यानि गांधी जयंती के दिन राज्य के जातिगत सर्वे के आंकड़े जारी किए थे। आंकड़ों के मुताबिक बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ के करीब है। इसमें सबसे ज्यादा अत्यन्त पिछड़ा वर्ग की आबादी है। जो राज्य की जनसंख्या का 36.01 प्रतिशत है। इसके अलावा अति पिछड़ा वर्ग 27.12 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 19.65 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति 1.68 प्रतिशत तथा सवर्ण 15.52 प्रतिशत हैं।

सरकार ने विधानसभा में पेश की रिपोर्ट

बिहार सरकार ने मंगलवार को राज्य की जातिगत जनगणना की रिपोर्ट विधानसभा में पेश की। सदन में पेश होने के बाद जातिवार जनगणना के आर्थिक एवं शैक्षणिक आंकड़े सामने आए हैं। आर्थिक एवं शैक्षणिक रिपोर्ट में बिहार राज्य की कुछ चौंकाने वाले बातें भी सामने आई हैं। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि बिहार की इतनी बड़ी आबादी में मात्र 7 फीसदी लोग ही स्नातक (ग्रेजेएट) हैं। इसके अलावा सवर्णों में सबसे ज्यादा गरीब भूमिहार एवं ब्राह्मण समुदाय के लोग हैं।

10 पॉइंट में जानिए जातिगत जनगणना के आर्थिक एवं शैक्षणिक आंकड़े

1- बिहार में 6 हजार रुपये से कम मासिक आय वाले परिवारों को गरीब माना गया है। इस तरह प्रदेश की एक बड़ी आबादी गरीब है।

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