बिहार में रोजाना 200 रुपये से भी कम कमाती है 34% आबादी, जानिए किस जाति के लोग सबसे ज्यादा अनपढ़
Bihar Caste Based Survey: बिहार सरकार ने मंगलवार को राज्य की जातिगत जनगणना की रिपोर्ट विधानसभा में पेश की। रिपोर्ट में राज्य की कुछ चौंकाने वाले बातें भी सामने आई हैं। बिहार की इतनी बड़ी आबादी में मांत्र 7 फीसदी लोग ही स्नातक (ग्रेजेएट) हैं। वहीं सवर्णों में सबसे ज्यादा गरीब भमिहार समुदाय के लोग हैं।
प्रतीकात्मक तस्वीर (ट्विटर)
- सरकार ने विधानसभा में पेश की जातिगत जनगणना की रिपोर्ट
- 13 करोड़ आबादी में मात्र 7 फीसदी लोग ही हैं ग्रेजुएट
- सवर्णों में सबसे गरीब भूमिहार और ब्राह्मण समुदाय के लोग
सरकार ने विधानसभा में पेश की रिपोर्ट
बिहार सरकार ने मंगलवार को राज्य की जातिगत जनगणना की रिपोर्ट विधानसभा में पेश की। सदन में पेश होने के बाद जातिवार जनगणना के आर्थिक एवं शैक्षणिक आंकड़े सामने आए हैं। आर्थिक एवं शैक्षणिक रिपोर्ट में बिहार राज्य की कुछ चौंकाने वाले बातें भी सामने आई हैं। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि बिहार की इतनी बड़ी आबादी में मात्र 7 फीसदी लोग ही स्नातक (ग्रेजेएट) हैं। इसके अलावा सवर्णों में सबसे ज्यादा गरीब भूमिहार एवं ब्राह्मण समुदाय के लोग हैं।
10 पॉइंट में जानिए जातिगत जनगणना के आर्थिक एवं शैक्षणिक आंकड़े
1- बिहार में 6 हजार रुपये से कम मासिक आय वाले परिवारों को गरीब माना गया है। इस तरह प्रदेश की एक बड़ी आबादी गरीब है।
2- सामान्य वर्ग के 25.09 फीसदी गरीबों में सबसे गरीब भूमिहार समुदाय के लोग हैं। बिहार की जनगणना में भूमिहारों की संख्या मात्र 2.86 फीसदी है।
3- सामान्य वर्ग में राजपूत समाज के लोगों का गरीबी में आंकड़ा 25.3 फीसदी है। वहीं कायस्थ समाज के लोगों में 24.89 फीसदी गरीब शामिल हैं।
4- पिछड़ा वर्ग की 33.16 फीसदी आबादी गरीबी रेखा के नीचे। इसमें यादव बिरादरी के लोग सबसे ज्यादा गरीब। जिनका प्रतिशत 35.87 फीसदी है। इसके अलावा 34.32 प्रतिशत कुशवाहा और 29.9 प्रतिशत कुर्मी भी गरीबों की लिस्ट में शामिल हैं।
5- अति पिछड़ा वर्ग में 33.58 फीसदी परिवार गरीबी रेखा के नीचे हैं। वहीं सबसे अधिक अनुसूचित जाति के लोग गरीब हैं, जो 42.93 फीसदी है।
6- मुस्लिम धर्म की बात करें तो इसमें 13.83 फीसदी गरीब परिवार शेख, 25.84 फीसदी गरीब परिवार पठान (खान ) और 22 .20 फीसदी गरीब परिवार सैयद समाज का है।
7- बिहार में साक्षरता दर 79.7 प्रतिशत है। प्रति 1,000 पुरुषों पर 953 साक्षर महिलाएं हैं। साल 2011 में यह संख्या 918 थी। इसका मतलब महिलाओं में साक्षरता दर बढ़ी है।
8- बिहार की 13 करोड़ की आबादी में मात्र 7 प्रतिशत आबादी ही ग्रेजुएट पास है। यह बहुत ही हैरान करने वाले आंकड़े हैं।
9- बिहार में मात्र 9.19 फीसदी की आबादी ने ही 12वीं तक की शिक्षा पूरी की है।
10- राज्य की मात्र 14.71 फीसदी आबादी ही 10वीं की परीक्षा पास कर पाई है। वहीं 14.33 आबादी के पास 8वीं का सर्टिफिकेट है।
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