Bihar Highway: बिहार में बनने वाले हैं 165KM लंबे 5 सुपर हाईवे, UP-बंगाल पहुंचने में नहीं लगेगी देर
Bihar Four Lane Highway: बिहार में यातायात को सरल और सुगम बनाने के लिए पांच नए हाईवे के निर्माण के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। 165 किलोमीटर की हाईवे परियोजनाओं के लिए 4615 करोड़ रुपये खर्च कर एचएचएआई राज्य को नया आयाम देने जा रहा है। आइये जानते हैं कि ये 5 नए हाईवे मार्ग राज्य के किन शहरों को आपस में कनेक्ट करेंगे और इनकी खासियतें क्या-क्या हैं?
बिहार हाईवे लिस्ट
Bihar Four Lane Highway: बिहार के लोगों को बेहतर सड़क मार्ग उपलब्ध कराने की दिशा में काम चल रहा है। जहां, राज्य के खाते में कई एक्सप्रेसवे (Expressway) की सौगात आ चुकी है तो वहीं, अब पांच नए हाईवे के निर्माण का भी नोटीफिकेशन जारी किया गया है। राज्य में इन बड़ी परियोजनाओं के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। 165 किलोमीटर की हाईवे परियोजनाओं के लिए 4615 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एएचएआई) जल्द ही इन सड़क मार्गों के निर्माण का कार्य शुरू कर सकता है। इनके निर्माण से कम समय में संबंधित शहरों के बीच यात्रा पूरी की जा सकेगी। आइये जानते हैं कि ये राजमार्ग राज्य के किन शहरों को आपस में कनेक्ट करेंगे और इनके खुलने की नियत तिथि क्या निर्धारित की गई है?
हाईवे
बिहार में 5 एक्सप्रेसवे प्रस्तावित (Expressway in Bihar)
वैसे बिहार में एनएचएआई ने 5 एक्सप्रेसवे का प्रस्ताव भी दिया है। बिहार में प्रस्तावित 2025 किलोमीटर लंबे इन सभी एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल चुकी है। इन बड़ी परियोजनाओं का जल्द ही निर्माण कार्य शुरू हो सकता है। इन पांच में से 3 एक्सप्रेसवे ऐसे हैं जो कई राज्यों को आपस में जोड़ेंगे। इसमें सबसे लंबा 650 किमी. रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे (Raxaul-Haldia Access Control Expressway) है। यह सड़क मार्ग बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल को जोड़ेगा। इसके अतिरिक्त 607 किलोमीटर का गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे (Gorakhpur-Siliguri-Greenfield Expressway) भी बिहार को पार करते हुए जाएगा। यह यूपी के गोरखपुर से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक सफर आसान बनाएगा।
ये तो रही एक्सप्रेसवे की बात, लेकिन हम इस आर्टिकल में बिहार में बनने जा रहे पांच हाईवे के बारे में जानने की कोशिश करेंगे, जो राज्य के भीतर कनेक्टिविटी को बेहतर और यात्रा को सुगम बनाएंगे। राज्य के उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बजट में घोषित पैकेज के अतिरिक्त 6 हजार करोड़ रुपये की परियोजना की सौगात मिली है।
हाईवे
बिहार में प्रस्तावित 5 हाईवे रूट मैप
- मानिकपुर-साहेबगंद फोरलेन (एनएच-139 डब्ल्यू)
- साहेबगंज-अरेराज फोरलेन (एनएच-139 डब्ल्यू)
- बहादुरगंज-किशनगंज फोरलेन
- पटना-आरा-सासाराण (एनएच-119 ए) के पैकेज-2 गड़हनी-पावर एवं सदीसोपु-असनी खंड
- रामनगर-कच्ची दरगाह
मानिकपुर-साहेबगंज, साहेबगंज-अरेराज फोरलेन (एनएच-139 डब्ल्यू) ( Manikpur-Sahebganj, Sahebganj-Areraj Fourlane)
पटना-बेतिया हाईवे (Patna-Bettiah Highway) के दो पैकेज मानिकपुर-साहेबगंद फोरलेन- साहेबगंज-अरेराज फोरलेन (एनएच-139 डब्ल्यू) का शिलान्यास के पांच साल बाद बजट पास किया गया है। 44.65 किलोमीटर लंबे इस हाईवे को विकसित करने में 1049 करोड़ रुपये का टेंडर दिया गया है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण (Land Acquisition) की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसमें 150 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। उधर, साहेबगंज से बुद्धिष्ट (लंबाई 37.86 किमी, लागत 914 करोड़) का भी टेंडर हो गया है। पटना-बेतिया हाईवे वाया बाकरपुर, मानिकपुर, साहेबगंज, केसरिया, अरेराज से होकर गुजरेगा। इस राजमार्ग के बनने से वैशाली जिले की दूरी कम हो जाएगी, जिससे पर्यटक और पुरातात्विक महत्व के स्थानों पर पटना से कम से समय में पहुंचना आसान होगा।
पटना-बेतिया हाईवे के दो पैकेज से पटना, सारण, वैशाली, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण जिले को सीधे तौर पर लाभ होगा। हालांकि, 2021 में ही बारकपुर से मानिकपुर, मानिकपुर से साहेबगंज, साहेबगंज से अरेराज तक फोरलेन बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण काम किया जा रहा था। इस हाईवे के खुलने से पटना से बेतिया की दूरी महज 200 किमी रह जाएगी, जिससे सिर्फ ढाई घंटे में सफर पूरा किया जा सकेगा।
जानकारी | विवरण |
हाईवे का नाम | मानिकपुर-साहेबगंज |
परियोजना की लंबाई | 44.65 किलोमीटर |
परियोजना की लागत | 1049 करोड़ रुपये |
शुरुआती प्वाइंट | मानिकपुर |
अंतिम प्वाइंट | साहेबगंज |
निर्माण कंपनी | एनएचएआई |
कार्य पूरा होने की तिथि | 2026 संभावित |
किशनगंज-बहादुरगंज फोरलेन सड़क निर्माण के लिए 2 साल पहले ही टेंडर हुआ था, जिसमें 747 करोड़ रुपये खर्च होने थे। 24.8 किमी. लंबी यह सड़क एनएच-27 पर उत्तर रामपुर से शुरू होकर बहादुरगंज के सताल इस्तमरार के करीब एनएच-327 (NH-327) को आपस में कनेक्ट करेगी। मौजूदा समय में किशनगंज और बहादुरगंज के बीच 2 लेन सड़क है। नया फोरलेन हाईवे टू लेन सड़क के सामानांतर बनेगा। इस हाईवे के निर्माण से पश्चिम बंगाल (West Bengal) गए बिना किशनगंज पहुंच आसान होगा। पटना-सासाराम पैकेज के तहत कोईलवर के पास बने पुल से लगभग 10 किमी. सोन नदी के अपस्ट्रीम में बिंदौल-कोशीहान नदी पर एक नए पुल का निर्माण भी किया जाएगा।
जानकारी | विवरण |
हाईवे का नाम | किशनगंज-बहादुरगंज फोरलेन |
किशनगंज-बहादुरगंज फोरलेन की लंबाई | 24.8 किमी. |
शुरुआती प्वाइंट | उत्तर रामपुर (किशनगंज) |
आखिरी प्वाइंट | सताल इस्तमरार (बहादुरगंज) |
फोरलेन परियोजना की लागत | 788.12 करोड़ |
निर्माण कंपनी | एनएचएआई |
कार्य पूरा होने की तिथि | 2026 संभावित |
हाईवे
जानकारी | विवरण |
हाईवे का नाम | पटना-आरा-सासाराम (एनएच-119 ए) |
हाईवे की लंबाई | 119 किमी. दो पैकेज |
परियोजना की लागत | 3357 करोड़ रुपये |
शुरुआती प्वाइंट | पटना |
आखिरी प्वाइंट - | सासाराम |
निर्माण कंपनी - | एनएचएआई |
कार्य पूरा होने की तिथि | 2026 संभावित |
रामनगर-कच्ची दरगाह फोरलेन हाईवे (Ramnagar-Kachchi Dargah Fourlane Highway)रामनगर-कच्ची दरगाह फोरलेन हाईवे पीएम के मिशन 100 डेज (PM 100 Days Mission) में शामिल है। इसके बनने से पटना रिंग रोड (Patna Ring Road) का दक्षिणी हिस्सा पूरा हो जाएगा। पटना रिंग रोड के माध्यम से इसे हाजीपुर की संपर्कता भी मिलेगी। कच्ची दरगाह से गंगा पर बन रहे 6 लेन के पुल से संपर्क होगा। जो गंगा नदी (Ganga River) पर बन रहे जेपी पुल (JP Bridge) के सामानांतर है।
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पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्ष...और देखें
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