बिहार का गजब हाल : पीएम आवास योजना की राशि मिलने पर भी लोगों ने नहीं बनवाए मकान, बड़ी कार्रवाई की तैयारी
Bihar News : पीएम नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण योजना का शुभारंभ पिछले कार्यकाल में किया था। पीएम मोदी ने ग्रामीणांचल क्षेत्रों में रहने वाली ज्यादा से ज्यादा आबादी को इस योजना से लाभान्वित करने यानि पक्के मकान मुहैया कराने का लक्ष्य रखा है।
पीएम आवास ग्रामीण योजना के तहत लोगों ने पक्के मकानों का निर्माण नहीं कराया। (सांकेतिक चित्र)
'प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण योजना' क्या है
PMAY-G को लोगों के बीच प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के नाम से भी जाना जाता है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने इसका शुभारंभ पिछले कार्यकाल में किया था। इस योजना का संचालन भी केंद्र की मोदी सरकार करती है। पीएम मोदी ने ग्रामीणांचल क्षेत्रों में रहने वाली ज्यादा से ज्यादा आबादी को इस योजना से लाभान्वित करने यानि पक्के मकान मुहैया कराने का लक्ष्य रखा है। बता दें कि इस योजना में उचित बिजली की आपूर्ति एवं स्वच्छता जैसी कई मूलभूत सुविधाओं को ध्यान में रखकर मकान के निर्माण के लिए धनराशि उपलब्ध कराती है। बेघर और जैसे-तैसे गुजर बसर कर रहे लोगों के लिए ये योजना किसी वरदान से कम नहीं है। कच्चे और जर्जर घरों में रह रहे लोग इसका लाभ लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
बिहार में क्यों शुरू हुआ एक्शन
बिहार सरकार के ग्राम विकास विभाग ने मकान का पूरा निर्माण नहीं कराने के लिए 347 सरकारी कर्मचारियों (309 आवास सहायकों और 38 आवास पर्यवेक्षकों) के विरुद्ध कार्रवाई करने का फैसला लिया है। सरकारी दस्तावेज इसकी बात की पुष्टि करते हैं कि योजना के तहत मकान न बनवाने वाले 94,027 लाभार्थियों को ‘रेड नोटिस’ तथा 1,27,463 को ‘व्हाइट नोटिस ’ प्रेषित किए गए हैं।
क्या होते हैं रेड और व्हाइट नोटिस
जिन लोगों के खिलाफ विभाग कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रहा होता है उनके विरुद्ध रेड नोटिस भेजे जाते हैं। हालांकि उल्लंघनकर्ताओं को योजना के तहत घर का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा करने की चेतावनी के तौर पर भेजा जाने वाला नोटिस व्हाइट नोटिस कहलाता है। बिहार के ग्राम विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया है कि 2,21,490 लाभार्थियों को नोटिस भेजे गए हैं, इन लोगों ने पूरी धनराशि मिल जाने के बाद भी पीएमएवाई-जी योजना के तहत पक्के घर का निर्माण पूरा नहीं करवाया है।
किस जिले में कितने नोटिस
बिहार के ग्राम विकास मंत्री ने लोगों के इस रवैये के लिए कुछ सरकारी अफसरों को भी जिम्मेदार बताया है। उन्होंने बताया कि 347 अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई शुरू की गई है। बताते चलें कि विभाग ने गया में सबसे अधिक 21,375, पूर्वी चंपारण में 16,955, मधुबनी में 14,753, बेगूसराय में 13,709, नवादा में 13,344, अररिया में 11,806 और मधेपुरा में 11,338 लाभार्थियों को नोटिस जारी किए हैं।
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