Expressway List in Bihar: बिहार में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए काम चल रहा है। खासकर, अन्य राज्यों के साथ कनेक्टिविटी को लेकर नए वित्त वर्ष में कई बड़े प्लान हैं। जहां, राज्य के लोगों की सुविधाओं और सरल यात्रा के लिए वंदे भारत ट्रेनों (Vande Bharat Train) की सौगात मिल रही है। कुछ उसी तर्ज पर नए एक्सप्रेसवे बनाकर पड़ोसी राज्यों तक अपनी पहुंच को और आसान बनाने की कवायद चल रही है। इस मुहिम में सड़कों की सेहत सुधारने के साथ नए एक्सप्रेसवे परियोजनाओं का प्लान तैयार है। प्राथमिक तौर पर राज्य से गुजरने वाले नेशनल हाईवे को 4 लेन में तब्दील किया गया है। वैसे बिहार में 43 नेशनल हाईवे हैं, जिनकी लंबाई 4917 किलोमीटर है, जिनके जरिए बड़ी संख्या में वाहन फर्राटा भर रहे हैं। तो आइये समझते हैं कि मौजूदा समय में राज्य में कितने एक्सप्रेसवे हैं और आने वाले सालों में कितने और नए एक्सप्रेसवे का निर्माण होना है?
Expressway List in Bihar:
Varanasi-Ranchi-Kolkata Expressway |
Gorakhpur-Siliguri Expressway |
Raxaul-Haldia Expressway |
Amas-Darbhanga Expressway |
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वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे ( Varanasi-Ranchi-Kolkata Expressway )
यूपी में एक्सप्रेसवे का जाल बिछा हुआ है। उधर, बिहार-बंगाल और झारखंड के लोगों को भी नए एक्सप्रेसवे की सौगात मिल चुकी है। सबसे पहले बात करते हैं वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे (Varanasi-Ranchi-Kolkata Expressway) की। इस सड़क मार्ग का निर्माण 7 पैकेज में किया जा रहा है। इसमें से 5 पैकेज में बिहार के कई हिस्सों को जोड़ते हुए एक्सप्रेस वे का निर्माण होगा।
एक्सप्रेसवे का नाम | वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे (Varanasi-Ranchi-Kolkata Expressway) |
परियोजना की लागत | 28,500 करोड़ |
लंबाई | 610 KM बिहार में लंबाई 136.7 KM |
शुरुआती प्वाइंट | बरहुली गांव चंदौली |
आखिरी प्वाइंट | रांची |
इस नए एक्सप्रेस वे की अनुमानित लागत 28,500 करोड़ बताई गई है। यह 619 किमी लंबाई के साथ चार राज्यों को कवर करेगा। एक्सप्रेसवे 4 राज्यों से होकर गुजरेगा, जिसका 159 किमी लंबा हिस्सा बिहार के हिस्से आएगा। इस ग्रीनफील्ड सिक्सलेन एक्सप्रेस वे के लिए बिहार में 136.7 किमी जमीन चिन्हित कर ली गई है। फेज-1 के निर्माण के लिए 1371 करोड़ खर्च होंगे। वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे वाराणसी से शुरु होगा। इसके बाद बिहार के चार जिलों को पार करते हुए झारखंड में प्रवेश करेगा। यहां के पांच जिलों में से गुजरते हुए एक्सप्रेस वे पश्चिम बंगाल में प्रवेश करेगा। यह बंगाल के भी चार जिलों से होते हुए नेशनल हाईवे 19 से जा मिलेगा। झारखंड में इसकी लंबाई 187 किमी रहने की बात कही जा रही है। वहीं, पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा 242 किमी लंबाई तय करेगा।
28,500 हजार करोड़ रुपये होगी लागत
वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेस यूपी के वाराणसी से आरंभ होकर बिहार के कुछ हिस्से में खत्म होगा, जो कि करीब 22 किमी लंबा होगा। इसके अलावा करीब 994.3 करोड़ रुपये की लागत से पहले पैकेज में 27 किमी सड़क का निर्माण किया जाएगा। वहीं, दूसरे पैकैज में भी 27 किमी सड़क का ही निर्माण किया जाएगा, जो कि 851 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा।
बिहार के इन जिलों की होगी बल्ले बल्ले
वाराणसी-रांची-कोलकाता ग्रीनफील्ड सिक्सलेन एक्सप्रेसवे चंदौली स्थित बरहुली गांव से होकर बिहार में प्रवेश करेगी. कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद और गया जिले से होते हुए एक्सप्रेस वे झारखंड में प्रवेश करेगा। फिर चतरा, हजीराबाग, रामगढ़, पीटरबार और बोकारो से होते हुए एक्सप्रेसवे पश्चिम बंगाल में प्रवेश करेगा। बंगाल के पुरुलिया, बांकुरा और आरामबाग से होकर एक्सप्रेसवे उलुबेरिया में राष्ट्रीय राजमार्ग 19 पर समाप्त होगा।
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे ( Gorakhpur-Siliguri Expressway )
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे बिहार की सीमा से होकर गुजरेगा। कुल मिलाकर पटना से पूर्णिया और बक्सर से भागलपुर तक बनने वाला शानदार एक्सप्रेस-वे इधर यूपी के गोरखपुर और उधर पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी को भी कनेक्ट करेगा। नये वित्त वर्ष में राज्य में चार महत्वपूर्ण एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य जल्द आरंभ होंगे। इसमें गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे (519 किमी) रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे (650 किमी) पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (बक्सर से पटना होते हुए भागलपुर तक 345 किमी) और पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे (215 किमी) शामिल हैं। इन परियोजनाओं का निर्माण कार्य प्राथमिकता के आधार पर पूरा कराने हेतु केंद्र सरकार से अनुरोध किया जा रहा है।
यूपी के इन गावों को फायदा
गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे (Gorakhpur–Siliguri Expressway) एक नहीं बल्कि तीन क्षेत्रों की तस्वीर चमका देगा। इस एक्सप्रेसवे के जरिए बिहार के दरभंगा, चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल, फारबिसगंज को कनेक्ट करेगा। इससे यूपी के गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर में सुधार होने की संभावना प्रबल है। कयास लगाए जा रहे हैं कि गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के साथ एनसीआर के गोएडा और ग्रेटर नोएडा में निवेश की संभावना बढ़ेगी। गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के निर्माण से इन दोनों शहरों के बीच की दूरी करीब 600 किलोमीटर घट जाएगी। इस परियोजना के लिए केवल उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, कुशीनगर और देवरिया जिले के कुल 111 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है। जिसमें चौरी-चौरा तहसील के 14 गांव, कुशीनगर की हाटा तहसील के 19 गांव, तमकुहीराज तहसील के 42 गांव और कसया तहसील के 13 गांव शामिल हैं। वहीं, देवरिया जिले की सदर तहसील के 23 गांव के किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है। यह एक्सप्रेसवे उधर, बरेली-गोरखपुर एक्सप्रेसवे से जुड़ा एक सतत मार्ग होगा।
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में 84.3 किमी, बिहार में 416 किमी और पश्चिम बंगाल में 18.97 किमी यानी कुल लंबाई 519.58 किमी है। अभी गोरखपुर-सिलीगुड़ी को जोड़ने वाली कोई सीधी सड़क नहीं है। लिहाजा, अभी यात्रा का समय 15 घंटे लगता है। लेकिन, इस सड़क मार्ग के बनने से 6 घंटे सफर कम हो जाएगा।
एक्सप्रेसवे का नाम | गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे (Gorakhpur–Siliguri Expressway) |
लंबाई | 519.58 KM |
परियोजना की लागत | 32,000 करोड़ |
निर्माण पूरा होने की तिथि | 2025 |
निर्माण कंपनी | एनएचएआई |
शुरुआती-आखिरी प्वाइंट | गोरखपुर- सिलीगुड़ी |
रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे (Raxaul-Haldia Expressway )
रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे का निर्माण 2023 में शुरू हुआ था। रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस वे बिहार के कई जिलों से होकर झारखंड और पश्चिम बंगाल के हल्दिया तक पहुंचेगा। बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में रक्सौल और पश्चिम बंगाल में हल्दिया बंदरगाह को जोड़ने वाले मार्ग है। भारतमाला परियोजना के चरण 2 के तहत इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का उद्देश्य माल ढुलाई की दक्षता में सुधार करना और नेपाल, बिहार और झारखंड से निर्यात को बढ़ावा देना है। एक्सप्रेसवे के साल 2028 में पूरा होने की उम्मीद है। हालांकि, इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराई गई है। रास्ते में यह बिहार के मुजफ्फरपुर और पश्चिम बंगाल के आसनसोल-दुर्गापुर से होकर गुजरेगा।
एक्सप्रेसवे | रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे Raxaul-Haldia Expressway |
एक्सप्रेसवे की लंबाई | 695 KM |
परियोजना की लागत | 54,000 |
निर्माण कंपनी | NHAI |
लेन | 4/6 |
अमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे ( Amas-Darbhanga Expressway)
बिहार में एक और बड़े एक्सप्रेसवे को लेकर तैयारियां जोरों पर है। ये एक्सप्रेसवे राज्य के औरंगाबाद से दरभंगा समेत 8 जिलों से होते हुए गया तक जाएगा। दरभंगा से गया तक फोर लेन होगा। इसके निर्माण से राज्य के संबंधित जिलों के लोगों को आवागमन में सहूलियत होगी। इसके लिए जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। 189 किलोमीटर लंबा ये एक्सप्रेस-वे औरंगाबाद के अमास से शुरू होगा। वहीं, अरवल, जहानाबाद, पटना, वैशाली, समस्तीपुर समेत सात जिलों को पार करते हुए दरभंगा तक जाएगा। हाइवे का निर्माण कार्य भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की ओर से किया जाएगा। यह परियोजना 4 फेज में पूरी होगी। इसके निर्माण से दोनों जिलों के बीच की दूरी करीब 4 घंटे कम होने के साथ अमस और दरभंगा के बीच बेहतर कनेक्टिविटी से कृषि उपज, कच्चे माल और औद्योगिक सामानों की तेज आवाजाही में सुविधा होगी।
एक्सप्रेसवे का नाम | अमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे Amas-Darbhanga Expressway |
परियोजना की लंबाई | 189 KM |
परियोजना में लागत | 10 हजार करोड़ |
निर्माण कंपनी | NHAI |
कार्य पूरा होने की तिथि | 2025-26 |
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे भी बिहार से कनेक्ट होगा। लखनऊ से गाजीपुर तक बनाए गए इस सड़क मार्ग को और गति देने का प्लान है। यह बक्सर तक लिंक किया जाएगा। इससे बिहार के कई शहर जुड़ेंगे।