Bihar में भूमि सर्वे के लिए नया फरमान, 18 जिलों के 37,384 गांवों को करना होगा इंतजार; इनको मिलेगी फ्री जमीन

बिहार राज्य के कुल 38 जिलों में से 20 जिलों (5,657 गांवों को कवर करते हुए) में भूमि सर्वेक्षण लगभग अपने अंतिम चरण में है। शेष 18 जिलों (जिसमें 37,384 गाँव शामिल होंगे) में प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी।

Bihar Land Survey

फाइल फोटो।

पटना: बिहार सरकार ने राज्यव्यापी भूमि सर्वेक्षण पूरा करने की समयसीमा एक साल के लिए बढ़ा दी है ताकि इस प्रक्रिया के कारण लोगों को होने वाली असुविधाओं को कम किया जा सके। बिहार राजस्व और भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) दीपक कुमार सिंह ने सोमवार को पटना में कहा कि विभाग ने राज्य भर में भूमि के सर्वेक्षण और बंदोबस्त को पूरा करने के लिए जुलाई 2025 की समय सीमा को एक और वर्ष के लिए बढ़ाने का फैसला किया है। अब यह काम जुलाई 2026 तक पूरा हो जाएगा। यह निर्णय यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है कि लोगों को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े और काम में पारदर्शिता भी हो।

एसीएस ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य वास्तविक लोगों को भूमि का डिजिटल रिकॉर्ड उपलब्ध कराना है, ताकि विवादों को हमेशा के लिए समाप्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार को भूमिहीनों को भूमि देने तथा कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए भूमि की आवश्यकता है।

37,384 गाँव आगे शामिल होंगे

एसीएस ने कहा कि राज्य के कुल 38 जिलों में से 20 जिलों (5,657 गांवों को कवर करते हुए) में भूमि सर्वेक्षण लगभग अपने अंतिम चरण में है। शेष 18 जिलों (जिसमें 37,384 गाँव शामिल होंगे) में प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी। उन्होंने कहा कि पहले राज्य में 60 प्रतिशत से अधिक अपराध मुख्य रूप से भूमि संबंधी विवादों के कारण होते थे, जो अब घटकर 46.69 प्रतिशत रह गया है। बिहार में अंतिम भूमि सर्वेक्षण 1911 में ब्रिटिश शासन के दौरान किया गया था।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। पटना (Cities News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited