Bihar Hooch tragedy : शराबबंदी के 7 साल बाद भी बिहार में नहीं थम रहा मौतों का सिलसिला, किसी को सजा नहीं हुई

Bihar Hooch tragedy : यह पहली बार है जब बिहार पुलिस ने बीते सात वर्षों में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों पर एक सूची तैयार की है। इसमें जहरीली शराब के सभी 30 मामलों को शामिल किया गया है। सूची से पता चलता है कि जहरीली शराब पीने से सबसे ज्यादा 114 मौत बीते साल 2022 में हुई। सबसे कम 64 मौत 2021 में हुई।

मोतिहारी में जहरीली शराब पीने से दो दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत।

Bihar Hooch tragedy : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कोशिशों एवं कार्रवाई के दावों के बावजूद बिहार में जहरीली शराब का 'खेल' धड़ल्ले से चल रहा है। यह जहरीली शराब लोगों की जिंदगियां लील रही है। राज्य में बीते 7 सालों से शराबबंदी लागू है और इस दौरान जहरीली शराब पीने से 199 लोगों की मौत हुई है। मौतों का यह आधिकारिक आंकड़ा है। शराब पीने से हुईं संदिग्ध मौतों को भी यदि इसमें जोड़ लिया जाए तो यह आंकड़ा 269 तक चला जाता है। हैरान करने वाली बात यह है कि शराब के खिलाफ कानून तो 2016 में बन गया लेकिन शराब पीने से होने वाली मौत मामले में आज तक एक भी व्यक्ति को सजा नहीं हुई है।
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निचली अदालत ने दोषी ठहराया, हाई कोर्ट ने छोड़ा

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'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक 2016 के गोपालगंज जहरीली शराब कांड में निचली अदालत ने 13 लोगों को दोषी ठहराया था। इन दोषियों को पटना हाई कोर्ट ने बीते साल 'पर्याप्त सबतों के अभाव' में छोड़ दिया। बिहार पुलिस नने 2016 से 2023 के बीच राज्य में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों पर एक आंतरिक रिपोर्ट तैयार की। हालांकि इस रिपोर्ट में पूर्वी चंपारण में जहरीली शराब से हुई मौत के आंकड़े को शामिल नहीं किया गया। यहां जहरीली शराब पीने से 26 लोगों की जान गई।
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