Bihar MLC Polls: जीत के साथ प्रशांत किशोर का आगाज, जानें बिना लड़े ही कैसे किया BJP-RJD को चित

निर्दलीय के रूप में मैदान में उतरे अफाक अहमद ने सीपीआई के आनंद पुष्कर को बड़े अंतर से हराकर सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की।

Prashant  Kishor

जन सुराज समर्थक उम्मीदवार ने एमएलसी चुनाव में जीती सीट

Bihar Legislative Council Poll: कार्यकर्ता से राजनीतिक रणनीतिकार बने IPAC संस्थापक प्रशांत किशोर ने गुरुवार को फिर चर्चा में आ गए जब उनके समर्थन वाले एक उम्मीदवार ने बिहार के सत्तारूढ़ महागठबंधन उम्मीदवार को हराकर विधान परिषद की एक सीट जीत ली। चुनाव नतीजे बाद बीजेपी उच्च सदन में सबसे बड़ी पार्टी बन गई। निर्दलीय के रूप में मैदान में उतरे अफाक अहमद ने सीपीआई के आनंद पुष्कर को बड़े अंतर से हराकर सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की। पुष्कर के पिता केदार नाथ पांडेय के निधन के बाद निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव कराया गया था जो सीपीआई के एक अनुभवी नेता थे। उन्होंने लगातार कई बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था।

इसलिए जीत है अहम

सारण से अफाक अहमद की जीत इस मायने में अहम है कि प्रशांत किशोर राज्य की पदयात्रा पर हैं और संभव है कि इसके बाद वह राजनीतिक दल बनाने की घोषणा कर दें। बिहार में अगले साल ही चुनाव होने हैं। बीजेपी और महागठबंधन के अलावा पीकेकी पार्टी भी चुनाव में ताल ठोक सकती है। तब उनका मुकाबला सीधे उन्हीं नीतीश कुमार से होगा जिसके वह कभी बेहद करीब हुआ करते थे।

राज्यव्यापी पदयात्रा कर रहे प्रशांत किशोर

महागठबंधन में कुल मिलाकर सात संगठन शामिल हैं और वाम दल, सीपीआई (एमएल) लिबरेशन, सीपीआई और सीपीआई (एम) नीतीश कुमार सरकार को बाहर से समर्थन देते हैं। किशोर अभी एक राज्यव्यापी पदयात्रा करते हुए सारण जिले का दौरा कर रहे हैं, जिसके बाद उनके 'जन सुराज' के एक पूर्ण राजनीतिक संगठन बनने की उम्मीद है। किशोर ने 59 वर्षीय अहमद की जीत की सराहना की और उन्हें किसान का बेटा बताया जिसने चुनाव में एक रुपया भी खर्च नहीं किया।

प्रशांत किशोर ने कहा कि आज बिहार में लोग जाति-धर्म देखकर अपने किस्मत को दांव पर लगाते हैं। आपने जाति को देखकर वोट किया तो आज पूरे बिहार में जाति की गणना हो रही है। लोकतंत्र में जनता जनार्दन जिन चीजों के लिए वोट करते हैं, वो भले देर से मिलती हो, लेकिन मिलती तो है। आपने बीजेपी को राम मंदिर के नाम पर वोट दिया, आज अयोध्या में राम मंदिर बन ही रहा है।

बीजेपी-आरजेडी को धूल चटाई

किशोर ने एक बैठक में बताया कि सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता राजद के गढ़, सारण, सीवान और गोपालगंज जैसे जिलों से आते हैं, इसके अलावा भाजपा का गढ़ चंपारण भी इसमें शामिल है। उम्मीदवार ने राज्य में दोनों प्रमुख राजनीतिक गठजोड़ को धूल चटाई है। हालांकि, सीपीआई के राज्य सचिव राम नरेश पांडे ने IPAC के संस्थापक पर भाजपा के इशारे पर पैसे के लिए काम करने और कोई विचारधारा नहीं होने का आरोप लगाते हुए एक बयान जारी किया।

स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों की चार अन्य सीटों के लिए भी द्विवार्षिक चुनाव हुए, जिनमें से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जद (यू) ने दो सीटें बरकरार रखी, लेकिन भाजपा को एक सीट मिली। राज्य भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि सात राउंड की मतगणना में बढ़त बनाए रखने के बाद अवधेश नारायण सिंह गया सीट जीतने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। जीवन कुमार ने जद (यू) एमएलसी संजीव श्याम सिंह हराया है और चौधरी ने दावा किया कि बीजेपी अब बिहार में सबसे बड़ी संख्या में एमएलसी वाली पार्टी बन गई है।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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