Darbhanga Flood: सिर पर कॉपियां, हाथ में चप्पल, बाढ़ के पानी में स्कूल जाने को मजबूर शिक्षक-Video
Flood in Darbhanga: नेपाल में भारी बारिश के कारण दरभंगा में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। कई गांव बाढ़ के पानी में डूब गए हैं। इस दौरान कमर तक भरे बाढ़ के पानी में मूल्यांकन की कॉपी सिर पर लेकर टीचर स्कूल जाते दिख रहे हैं। इनकी एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
बाढ़ के पानी में स्कूल चले मजबूर टीचर
Flood in Darbhanga: 'शिक्षक' समाज और देश निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं। न केवल किताबों का ज्ञान बल्कि अपने छात्रों को समय-समय पर जीवन का ज्ञान देने वाले टीचर हर स्थिति में काम करते दिखते हैं। चाहे आंधी आ जाए चाहे तूफान शिक्षकों को अपना काम करना ही पड़ता है। ऐसा ही एक नजारा बिहार के दरभंगा जिले में देखने को मिला। दरभंगा में बाढ़ जैसे हालात के बीच जान जोखिम में डालकर कमर तक भरे बाढ़ के पानी में एक शिक्षक को मूल्यांकन की कॉपियां सिर पर लेकर जाते देखा गया। इसकी एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
दरभंगा में बाढ़ जैसे हालात
नेपाल में भारी बारिश के कारण बिहार के दरभंगा जिले समेत कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं। दरभंगा के जमालपुर के भूभौल गांव में देर रात कोसी का तटबंध भी टूट गया, जिससे दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया। बाढ़ के पानी में कई घर जलमग्न हो गए। कमर तक भरे पानी के कारण लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच कुछ टीचर को मूल्यांकन कॉपियों के साथ स्कूल जाते देखा गया।
बाढ़ के पानी में स्कूल जा रहे शिक्षक
दरभंगा के बाढ़ की स्थिति के बीच प्रभावित इलाके तिलकेश्वरस्थान थाना क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय के एक टीचर का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। कमर तक भरे बाढ़ के पानी के बीच जान को जोखिम में डालते हुए शिक्षक मूल्यांकन की कॉपियां सिर पर रख, एक हाथ में झोला और एक हाथ में चप्पल लेकर मूल्यांकन ड्यूटी का पालन करने के लिए स्कूल जा रहे हैं। इस वीडियो में शिक्षकों ने अपनी परेशानी भी सबके सामने रखी है। इनमें से एक शिक्षक का कहना है कि 'पता नहीं विद्यालय पहुंच पाएंगे कि जान से जाएंगे'।
बाढ़ के पानी में ड्यूटी निभा रहे शिक्षकों की कहानी
वायरल वीडियो में एक टीचर ने कहा कि वह तिलकेश्व जा रहे हैं। कमर तक भरे पानी में आगे नाव मिलती है कि नहीं मिलती। टीचर ने आगे कहा कि पता नहीं क्या होगा विद्यालय पहुंच पाएंगे कि जान से जाएंगे। उनके अलावा मूल्यांकन कार्य के लिए जा रहे अन्य शिक्षकों ने भी बताया कि वह सब भी स्कूल जा रहे हैं। उसमें से एक टीचर ने कहा कि स्कूल तो जाना जरूरी है। बिहार सरकार ने बाढ़ की स्थिति में भी छुट्टी नहीं दी है। ऐसे में स्कूल तो जाना ही जाना है, क्योंकि मोबाइल से हाजिरी लगती है। उनके साथ कई अन्य शिक्षक भी ओरथूआ जा रहे हैं।
बाढ़ में मूल्यांकन कार्य के लिए जा रहे एक अन्य टीचर ने कहा कि हम लोग विद्यालय जा पाएंगे या नहीं जा पाएंगे, जान माल की क्षति होगी या क्या होगा। सरकार की तरफ से हम लोगों के लिए नाव की व्यवस्था नहीं है और न ही सरकार छुट्टी दे रही है। पानी में परेशानी के साथ आगे बढ़ते हुए घनश्याम भारती ने बताया कि छाती तक पानी आ गया है लेकिन स्कूल जाने के लिए कोई व्यवस्था कोई प्रबंध नहीं है।
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varsha kushwaha author
वर्षा कुशवाहा टाइम्स नाऊ नवभारत में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रही हैं। नवबंर 2023 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। वह इंफ्रा, डे...और देखें
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