Bihar: दशरथ मांझी से कम नहीं है यह शख्स, मंदिर जाने के लिए पहाड़ पर अकेले बना डालीं 400 सीढ़ियां
Ganauri Made Stairs by Cutting Mountains: पहाड़ का सीना चीरकर रास्ता बनाने वाले दशरथ मांझी को कोई नहीं भूल सकता है। यह न जाने कितने लोगों के प्रेरणास्त्रोत बन चुके हैं। अब इनकी तरह ही जहानाबाद में गनौरी पासवान ने पहाड़ काटकर सैकड़ों सीढ़ियां बना दी हैं। इनकी कहानी जानने के बाद लोग इन्हें दशरथ मांझी का अगला स्वरूप बता रहे हैं।
पहाड़ काटकर सीढ़ियां बनाते गनौरी पासवान
मुख्य बातें
- जहानाबाद के बनवरिया गांव स्थित पहाड़ को काटकर बनाईं हैं सीढ़ियां
- पहाड़ की चोटी पर अवस्थित भगवान के मंदिर जाने में श्रद्धालुओं को होती थी परेशानी
- पत्नी तेतरी देवी ने गनौरी पासवान का हौसला बढ़ाया
Patna News: भगवान के प्रति आस्था और जुनून के कारण एक शख्स ने दशरथ मांझी जैसी कहानी दोहराई है। जहानाबाद जिले के हुलासगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत वनवरिया गांव में रहने वाले गनौरी पासवान ने पहाड़ काटकर 400 सीढ़ियां बना दी हैं। बनवरिया गांव स्थित पहाड़ी की चोटी पर बने योगेश्वर नाथ मंदिर के दर्शन करने के लिए जाने में श्रद्धालुओं को काफी दिक्कत होती थी। गनौरी ने 1500 फीट ऊंचे पहाड़ को छेनी और हथौड़ी से काटा और सीढ़ियों का निर्माण किया।
दरअसल, योगेश्वर नाथ मंदिर तक पहुंचने के दौरान कई बार श्रद्धालु पहाड़ चढ़ने में घायल हो जाते थे। सबसे अधिक परेशानी बुजुर्गों एवं महिलाओं को होती थी। इसे देखकर गनौरी ने पहाड़ पर सीढ़ियां बनाने का निर्णय लिया। अब पहाड़ पर सीढ़ियां बन जाने की वजह से वृद्ध, महिलाएं एवं दिव्यांग आसानी से मंदिर तक पहुंचते हैं।
पहाड़ काटकर सीढ़ियां बनाने में लग गए 8 साल
गनौरी पासवान को इस पहाड़ को काटकर सीढ़ियां बनाने में आठ साल लग गए। गनौरी का कहना है कि, जब इस काम की शुरुआत की थी, तब लगता था की यह नहीं हो सकेगा। फिर पत्नी तेतरी देवी ने हौसला बढ़ाया और सीढ़ियां बनवाने के लिए पत्नी ने गहने तक गिरवी रख दिए। इसके बाद परिवार और गांव वालों की मदद से आठ साल में इस पूरे पहाड़ पर सीढ़ियां बन गईं।
सरकार से नहीं मिली कोई मदद
गनौरी का कहना है कि, इस काम में सरकार की ओर से किसी स्तर पर मदद नहीं मिली। खुद और ग्रामीणों की मदद से इतना मुश्किल काम को किया गया। उन्होंने कहा कि, सरकार को इन चीजों का ख्याल रखना चाहिए। प्रसिद्ध धार्मिंक स्थलों से पर्यटन विभाग को बहुत अच्छी आय हो सकती है। इन्होंने यह भी बताया कि, वह पहाड़ की तलहटियों में जाकर पुरानी मूर्तियां खोजते हैं और उन मूर्तियों को मंदिर के रास्ते पर स्थापित किया करते हैं।
परिवार से हो गए थे दूर
पहाड़ काटकर सीढ़ियां बनाने के संकल्प के दौरान सबसे अधिक परेशानी परिवार से दूर रहने की हुई। गनौरी ने बताया कि, अल सुबह से देर रात तक हर दिन पहाड़ काटने में लगे रहते थे, जिस वजह से अपने परिवार से काफी दूर हो गए थे। बताया कि, मैं पूरे दिन खुशी-खुशी पहाड़ काटने का काम करता था। कभी बोरियत महसूस नहीं हुई।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। पटना (Cities News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
End of Article
टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना च...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited