स्वयं सहायता समूह ‘जीविका’ बना देशभर में अव्वल, बिहार की जीविका दीदियां आर्थिक रूप से हो रही हैं स्वावलंबी

जीविका दीदियों का पटना में एक कार्यक्रम था। उस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जीविका दीदियों ने मांग की थी कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू हो। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उस समय ही आश्वासन दिया था कि वर्ष 2015 में जब उनकी सरकार बनेगी, आपलोग सेवा का फिर से मौका देंगे तो पूर्ण शराबबंदी लागू करेंगे।

bihar nitish kumar jivika

जीविका दीदियों के साथ एक कार्यक्रम के दौरान बिहार सीएम नीतीश कुमार (फाइल फोटो- @Jduonline)

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं सहायता समूह ‘जीविका’ के माध्यम से महिलाओं को सशक्त एवं स्वावलंबी बना रहे हैं। इस समूह से जुड़कर 1 करोड़ 31 लाख से अधिक महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। नीतीश कुमार के इस मिशन ने गांव की महिलाओं की तकदीर और माली हालत की तस्वीर बदलकर रख दी है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सभी राज्यों की रैंकिंग में बिहार की ‘जीविका’ 10 लाख 81 हजार स्वयं सहायता समूह बनाकर देश में बना अव्वल वहीं कर्नाटक दूसरे तथा असम तीसरे स्थान पर है।

2006 में हुई थी स्थापना

महिलाओं के उत्थान तथा उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2006 में विश्व बैंक से ऋण लेकर जीविका की स्थापना की थी, जिससे 1 करोड़ 31 लाख महिलाएं जुड़ चुकी हैं। जीविका दीदी आज इतनी तेजी से आगे बढ़ रही हैं कि उनके कार्यों को लेकर दूसरे राज्यों की टीम भी बिहार का दौरा कर रही हैं। शैक्षणिक रूप से कम पढ़ी-लिखी होने के बावजूद जीविका ने ग्रामीण महिलाओं को आज उद्यमी बना दिया है। जो महिलाएं कभी घर से बाहर नहीं निकलती थी आज स्वयं सहायता समूह बनाकर लाखों रुपए कमा रही हैं। ग्रामीण इलाकों की आर्थिक व सामाजिक स्थिति बदलने में जीविका समूह बड़ी भूमिका निभा रही हैं। वर्ष 2023 में अमेरिका के मशहूर उद्यमी और शेफ आइटन बर्नाथ बिहार आए थे, उन्होंने दीदी की रसोई में देसी जायका का लुत्फ उठाया और जीविका दीदियों से लिट्टी चोखा, ठेकुआ, रोटी बनाना भी सीखा।

कैसे काम करता है ये समूह

महिलाओं के जीविका एक समूह में 5-7 महिलाएं रहती हैं। हर जिले में सैकड़ों की संख्या में जीविका दीदियों का स्वयं सहायता समूह है। ये दीदियां अपने स्तर पर गांव की अन्य महिलाओं को जागरूक कर उन्हें जीविका से जोड़ती हैं और उन्हें आर्थिक मदद करती हैं। इन ग्रामीण महिलाओं को जीविका से जोड़ने के साथ-साथ उनके हुनर को बाजार दिया जा रहा है, जिससे उनका आर्थिक विकास तो हो ही रहा है। उनके बच्चे भी अच्छी तालीम ले रहे हैं। उनके काम को बाजार तक पहुंचाने के लिए आर्थिक मदद की जाती है। इससे महिलाओं को कारोबार शुरू करने में मदद मिलती है। इसके लिए जीविका की ओर से साल में दो बार सरस मेले का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा उन्हें अन्य राज्यों में भी समय-समय पर भेजा जाता है। महिलाओं को समूह बनाने के लिए बैंक से ऋण देने में मदद भी की जाती है।

महिलाएं हो रहीं हैं सशक्त

ग्रामीण स्तर पर जो महिलाएं हैं, उनका हुनर जो कल तक अपने घरों की दहजलीज तक सिमटकर रह जाती थी। अब उनकी जिस काम में दक्षता है उसके लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है। इतना ही नहीं उनके किए कार्यों को बाजार तक पहुंचाने के लिए आर्थिक मदद भी की जा रही है, जिससे महिलाएं अपना कारोबार शुरु कर अपना जीविकोपार्जन कर रही हैं। यह सफर यहीं तक नहीं रुकता बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी इनके प्रोडक्ट को बाजार दिया जाता है, जिससे इनके हुनर के विकास के साथ-साथ इन्हें आर्थिक लाभ भी मिलती है जिससे परिवार की स्थिति में सुधार हुआ है।

जीविका दीदियों ने ही की थी शराबबंदी की मांग

बिहार में पूर्ण शराबबंदी की बात जैसी ही होती है उसके पीछे जीविका की दीदियों का ही हाथ रहा है। जीविका दीदियों का पटना में एक कार्यक्रम था। उस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जीविका दीदियों ने मांग की थी कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू हो। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उस समय ही आश्वासन दिया था कि वर्ष 2015 में जब उनकी सरकार बनेगी, आपलोग सेवा का फिर से मौका देंगे तो पूर्ण शराबबंदी लागू करेंगे। पुनः नीतीश कुमार की सरकार बनी उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना वादा पूरा किया और वर्ष 2016 में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी गई, जो आजतक लागू है। इस शराबबंदी का सबसे अधिक असर देखने को मिल रहा है। जो घर कल तक उजड़ रहे थे शराबबंदी होने के बाद उन घरों के हालात बदल गए और आज गांव और टोलों तक में महिलाओं ने तस्वीर बदलकर रख दी है। वैसे तो जीविका समूह से बिहार के विभिन्न जिलों की महिलाएं जुड़ी हुई हैं, वहीं सहरसा, पूर्णिया, खगड़िया, बेगूसराय, समस्तीपुर, नालंदा, मुजफ्फरपुर, भोजपुर, वैशाल और पूर्वी चंपारण जिलों में सबसे अधिक महिलाएं इस समूह से जुड़कर विकसित बिहार की इबारत को लिख रही हैं।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। पटना (Cities News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited