स्मार्ट प्रीपेड मीटर के बेहतर क्रियान्वयन के लिए बीएसपीएचसीएल को ईटी गवर्मेंट डिजिटेक अवॉर्ड 2025 में स्वर्ण पुरस्कार

बिहार मे वर्ष 2019 में गया जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इस योजना की शुरुआत हुई थी, ताकि उपभोक्ताओं को गलत बिलिंग की समस्या से राहत मिल सके और बिजली बिल का पारदर्शी रिकॉर्ड रखा जा सके। पायलट प्रोजेक्ट की सफलता को देखते हुए इसे पूरे राज्य में लागू किया गया, जिससे लाखों उपभोक्ताओं को लाभ मिल रहा है।

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बीएसपीएचसीएल को ईटी गवर्मेंट डिजिटेक अवॉर्ड 2025 में स्वर्ण पुरस्कार

बिहार को स्मार्ट प्रीपेड मीटर तकनीक के बेहतर क्रियान्वयन के लिए दी इकोनॉमिक टाइम्स द्वारा नई दिल्ली में आयोजित ईटी गवर्मेंट डिजिटेक अवॉर्ड 2025 में स्वर्ण पुरस्कार से नवाजा गया। राज्य की विशेष पहल, 'बिहार ~ प्राऊड टॉर्च बियरर ऑफ यूनिवर्सल स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग फॉर दी नेशन' को जूरी द्वारा डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन लीडर इन पब्लिक सेक्टर में गोल्ड कैटेगरी से सम्मानित किया गया। यह उपलब्धि राज्य के लिए गर्व का विषय है, क्योंकि राज्य ने स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है। अवॉर्ड ऊर्जा विभाग के सचिव सह सीएमडी बीएसपीएचसीएल पंकज कुमार पाल ने ग्रहण किया।

पाल ने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग को राज्य भर में लागू करने का लक्ष्य उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना, बिलिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना और ऊर्जा प्रबंधन को अधिक कुशल बनाना था। इस पहल की सफलता के पीछे व्यापक प्रचार-प्रसार और जागरूकता अभियान की अहम भूमिका रही, जिसके तहत उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर के लाभों से अवगत कराया गया और उन्हें इसे अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। ग्रामीण इलाकों में चेक मीटर लगाए गए ताकि उपभोक्ता खुद आ कर जांच करें कि डिजिटल और स्मार्ट मीटर में कोई फर्क नहीं है। सभी सरकारी भवनों में भी स्मार्ट प्रीपेड मीटर अधिष्ठापित किए जा रहे हैं। साथ ही उपभोक्ताओं को पम्पलेट वितरण एवं मोबाइल वैन के जरिए जागरूक किया गया। स्कूल और कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाया गया, जीविका दीदियों ने घर घर जा कर गांवों में लोगों को स्मार्ट मीटर की विशेषताओं से अवगत कराया। विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, मेले में स्टाल लगा कर लोगों को स्मार्ट मीटर के फायदों के बारे में बताया गया। समय समय पर उन्हें साइबर फ्रॉड से बचने के उपायों से भी अवगत कराया गया।

वितरण कंपनियों ने विभिन्न माध्यमों जैसे जन जागरूकता कार्यक्रमों, डिजिटल प्लेटफॉर्म, स्थानीय शिविरों, नुक्कड़ नाटक, सोशल मीडिया और उपभोक्ता संवाद अभियानों के माध्यम से लोगों को यह समझाने का प्रयास किया कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर बिजली उपभोक्ताओं को गलत बिलिंग से मुक्ति दिलाने, ऊर्जा की बचत करने और अपने खर्च पर नियंत्रण रखने में सहायक होगा। इन प्रयासों का ही नतीजा है कि आज बिहार स्मार्ट मीटरिंग को अपनाने में पूरे देश का नेतृत्व कर रहा है।

ऊर्जा सचिव ने बताया कि स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग की यह दूरदर्शी पहल माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोच और मजबूत इच्छाशक्ति एवं माननीय ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव के नेतृत्व का ही परिणाम है। वर्ष 2019 में गया जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इस योजना की शुरुआत हुई थी, ताकि उपभोक्ताओं को गलत बिलिंग की समस्या से राहत मिल सके और बिजली बिल का पारदर्शी रिकॉर्ड रखा जा सके। पायलट प्रोजेक्ट की सफलता को देखते हुए इसे पूरे राज्य में लागू किया गया, जिससे लाखों उपभोक्ताओं को लाभ मिल रहा है।

राज्य में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की सफलता को समझने के लिए अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों ने बिहार का दौरा किया एवं उपभोक्ताओं व अभियंताओं से संवाद किया। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा समय समय पर स्मार्ट मीटर की सफलता के लिए बिहार की प्रशंसा होती रही है। पाल ने इस पुरस्कार के लिए दोनों वितरण कंपनियों, एनबीपीडीसीएल एवं एसबीपीडीसीएल की टीम, उपभोक्ताओं, मीटरिंग एजेंसियों का आभार व्यक्त किया।

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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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