Bihar में नीतीश सरकार का मास्टर स्ट्रोक, नियोजित शिक्षकों को देगी राज्यकर्मी का दर्जा
बिहार में लोक सेवा आयोग की शिक्षक भर्ती परीक्षा देकर जो स्थायी शिक्षक बनेंगे, उन नियोजित शिक्षकों को भी उन्हीं की तरह राज्यकर्मी का दर्जा और अन्य लाभ मिलेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार ने नियोजित शिक्षकों के स्थायीकरण की नियमावली तैयार कर ली है।
बिहार में नियोजित शिक्षकों में विशिष्ट परीक्षा देकर बनेंगे राज्यकर्मी
पटना: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बिहार की गठबंधन वाली नीतीश सरकार ने बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेला है। सरकार ने बीपीएससी से स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति से पहले नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का ऐलान किया है। सरकार ने नियोजित शिक्षकों के स्थायीकरण की नियमावली तैयार कर ये फैसला सुनाया है। बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 का प्रारूप शिक्षा विभाग ने भी जारी कर दिया है। कहा गया है अगर, एक सप्ताह के भीतर इस पर कोई बड़ी आपत्ति नहीं आयी तो यह लागू कर दिया जाएगा। इसके बाद नियोजित शिक्षकों को एक विशेष तरह की परीक्षा प्रोसेस से गुजरना पड़ेगा। परीक्षा पास करते ही बीपीएससी से बनने जा रहे स्थायी शिक्षकों की तरह सबकुछ मिलने लगेगा। वहीं, लंबे समय से नाराज चल रहे शिक्षकों के लिए बड़ा तोहफा है।
जानिए कैसी है नियमावली
नियमावली के प्रस्तावना में कहा गया है कि स्थानीय निकायों द्वारा नियुक्त शिक्षकों को बिहार राज्य विद्यालय शिक्षक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनात्मक कार्यवाही एवं सेवा शर्त) नियमावली 2023 के तहत नियुक्त किए गए शिक्षकों के बराबर लाने के लिए उक्त नियमावली तैयार की गई है। इस मैन्युअल का नाम बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 रखा गया है। नियमावली में स्पष्ट कहा गया है कि विशिष्ट शिक्षक का मतलब ऐसे सभी शिक्षक, जिन्हें स्थानीय निकायों द्वारा नियोजित किया गया है और जो संबंधित स्थानीय निकाय शिक्षक नियमावली 2020 के अंतर्गत आते हैं। इनमें पुस्तकालयाध्यक्ष और शारीरिक शिक्षक भी शामिल हैं। स्थानीय निकाय के विभिन्न स्तरों पर नियुक्त सभी शिक्षक अब विशिष्ट शिक्षक ही कहलाएंगे। विशिष्ट परीक्षा जिसका नाम सक्षमता परीक्षा रखा गया है, में उत्तीर्ण होने के बाद जिला स्तर पर इनका एकल संवर्ग होगा। कहना है कि आज की तारीख तक किसी नियोजित शिक्षक के खिलाफ अगर कोई अनुशासनिक कार्रवाई, सतर्कता जांच या कोई अन्य जाँच पड़ताल चल रही है तो वह नियमावली के तहत भी जारी रहेगा। इसके साथ विशिष्ट शिक्षक सेवा के सेवा निवृत्त या इस्तीफा या बर्खास्त होने के बाद स्थानीय निकाय उसे खाली पद पर नियोजन नहीं कर सकेगा।
मिलेगा इतना वेतन
कक्षा 1 से लेकर 5 तक के विशिष्ट शिक्षक को 25 हजार रुपये मूल वेतन मिलेगा। कक्षा 6 से लेकर 8 तक के विशिष्ट शिक्षकों को 28 हजार रुपये देय होंगे। इसके अलाव कक्षा 9 से लेकर 10 तक के शिक्षकों को 31 हजार और कक्षा 11 से लेकर 12 तक के विशिष्ट शिक्षकों को 32 हजार रुपये मूल वेतन मिलेगा। इसके अलावा राज्य सरकार के अनुसार महंगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता, चिकित्सा भत्ता और शहरी परिवहन परिवहन भत्ता भी दिया जाएगा। समय-समय पर वेतन और भत्ते में संशोधन किया जा सकता है। मसौदे में यह भी तय है कि अगर, विशिष्ट शिक्षकों को 8 वर्ष की अवधि में अगर रिक्ती नहीं हुई तो उन्हें प्रमोशन भी मिलेगा।
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