बिहार में सफाईकर्मी से उपमहापौर बनीं महिला सब्जी बेचने को मजबूर, जानें पूरा मामला

बिहार के गया की पूर्व उपमहापौर चिंता देवी, जो कभी सफाई कर्मचारी थीं, अब फिर से सब्जियां बेच रही हैं। उन्हें लगता है कि उन्हें पद पर रहते हुए अनादर का सामना करना पड़ा। जानिए क्या है पूरा मामला।

सांकेतिक फोटो।

Gaya News: बिहार के गया में दशकों तक सड़कों पर झाड़ू लगाने के बाद जब चिंता देवी गया शहर की उपमहापौर बनीं, तो उन्हें महसूस हुआ कि 'मोक्ष की नगरी' ने आखिरकार उन्हें मुक्ति प्रदान कर दी है, लेकिन लगभग दो साल तक पद पर रहने के बाद वह पुनः सड़कों पर सब्जियां बेच रही हैं। वह उनके साथ कथित तौर पर किए गए अनादर के विरोध में ऐसा कर रही हैं।

नगर निगम पर आरोप

चिंता देवी ने अपनी इस स्थिति को लेकर सवाल किया, ‘‘यदि मुझे नगर निगम में होने वाली गतिविधियों के बारे में जानकारी नहीं दी जाती, तो मेरे उपमहापौर बनने का क्या मतलब है? ’’ गया नगर निगम में 35 वर्षों तक सफाईकर्मी के रूप में काम करने वाली चिंता देवी अपनी सेवानिवृत्ति के दो वर्ष बाद दिसंबर 2022 में गया की उपमहापौर चुनी गईं थीं।

'नगर निगम प्रशासन के रवैये से परेशान'

चिंता देवी ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं गया नगर निगम प्रशासन के रवैये से बहुत परेशान हूं। निगम में होने वाली बैठकों में भी मुझे नहीं बुलाया जाता। अधिकारी मुझे शहर में निगम द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी तक नहीं देते।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले कई महीनों से उन्हें उपमहापौर का वेतन नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘यही वजह है कि मैंने गया की सड़कों पर सब्ज़ियां बेचने का फैसला किया। बिना किसी काम के नगर निगम दफ़्तर में बैठने से बेहतर है सब्ज़ियां बेचना।’’

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