बिहार में मंदिर और मठ का कैसे होगा रजिस्ट्रेशन, नहीं कराने पर क्या होगी कार्रवाई? जानें सब कुछ

Bihar Temple Registration: बिहार सरकार ने अब राज्य में सभी मंदिरों, मठों और ट्रस्टों को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य कर दिया है। इसके साथ ही अचल संपत्ति के बारे में जानकारी देनी होगी। इसके संबंध में आदेश जारी किए हैं। जानिए कि सरकार के आदेश के बाद बिहार में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया क्या होगी।

फाइल फोटो।

Bihar Temple Registration: बिहार सरकार ने राज्य के सभी मंदिर, मठों और ट्रस्टों के लिए नया फरमान जारी किया है और कहा है कि अब सभी मंदिरों, मठों और ट्रस्टों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यह अनिवार्य कर दिया गया है। सरकार ने इसके लिए जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह अपने जिले में सभी मंदिरों का रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करें। साथ ही कहा गया है कि मंदिरों, मठों और ट्रस्टों को अपनी अचल संपत्तियों के बारे में पूरी जानकारी देनी होगी। आइए, हम आपको बताते हैं कि इसकी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया क्या है।

मंदिर-मठ का कैसे होगा रजिस्ट्रेशन?

बता दें कि बिहार में मंदिरों, मठों और ट्रस्टों का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए जिलाधिकारी से संपर्क करना होगा। उनसे संपर्क करके रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी होगी। साथ ही अचल संपत्तियों का ब्योरा भी देना होगा। इसके बाद जिलाधिकारी कार्यालय सभी डिटेल्स बीएसबीआरटी के वेबसाइट पर अपलोड करेगा, जहां आप इसे देख सकेंगे।

रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर क्या होगा?

बिहार हिंदू धार्मिक ट्रस्ट अधिनियम, 1950 के अनुसार, बिहार में सभी सार्वजनिक मंदिरों, मठों और ट्रस्टों को बीएसबीआरटी के तहत पंजीकृत होना चाहिए। इसके बावजूद अगर कोई राज्य सरकार पंजीकृत मंदिरों/मठों/ट्रस्ट की संपत्तियों की बिक्री व खरीद के अवैध कामों में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।

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