बाढ़-सूखे से बचाया जा सकेगा बिहार: देश की 37 नदियों के मेल से होगा यह कमाल, समझिए 20 जिलों को कैसे मिलेगा लाभ

Indian Rivers interlinking Project: बिहार में गंगा घारा, बागमती, गंडक, कोसी, बूढ़ी गंडक, छाड़ी, नून और दाहाल नदियों को पांच चैनलों में जोड़ा जाएगा। इसके लिए करीब 900 किलोमीटर लंबे लिंक चैनल की खुदाई की जाएगी।

Indian Rivers interlinking Project

Indian Rivers interlinking Project: देश भर के सभी राज्यों की नदियों को आपस में जोड़े जाने की योजना 2019 में तैयार की गई थी। इसके तहत 37 नदियों को जोड़ा जाएगा, जिसके लिए 20 हजार किलोमीटर क्षेत्र में नहर की खुदाई होगी। इस योजना के क्रम में अब बिहार सरकार ने बाढ़ और सूखे से निपटने के लिए यहां नदियों को जोड़ने का प्लान तैयार किया है।

जानकारी के मुताबिक, गंगा घारा, बागमती, गंडक, कोसी, बूढ़ी गंडक, छाड़ी, नून और दाहाल नदियों को पांच चैनलों में जोड़ा जाएगा। इसके लिए करीब 900 किलोमीटर लंबे लिंक चैनल की खुदाई की जाएगी। इन नदियों के आपस में जुड़ने के बाद मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी पश्चिम चंपारण, समस्तीपुर, गोपालगंज समेत 20 जिलों को फायदा पहुंचेगा और करीब 7 लाख हेक्टेयर खेतों तक 12 महीने सिंचाई का पानी भी पहुंचना शुरू हो जाएगा।

बाढ़ और सूखे से मिलेगा छुटकारा

बिहार के जल संसाधप मंत्री संजय कुमार झा ने बताया कि बिहार में हर साल बाढ़ आती है, इससे भारी नुकसान होता है। ऐसे में नदियों को जोड़ने से बाढ़ और सूखे दोनों की समस्या से निजात मिलेगी और राज्य का भूजल स्तर भी बढ़ेगा। उन्होंने बताया, इस साल ही बिहार के 15 जिलों में ग्राउंट वॉटर लेवल गिरने से पेयजल की समस्या हुई। नदियों को लिंक करने से इससे छुटकारा मिलेगा।

End Of Feed