Jitan Ram Manjhi Gaya Seat: खत्म हुआ सूखा! मोदी सरकार में मिल गई गया की हिस्सेदारी, पहली बार संसद पहुंचे जीतन राम मांझी बने मंत्री

Jitan Ram Manjhi Gaya Seat: जीतन राम मांझी का उदय किसी असाधारण घटना से कम नहीं है। वर्ष 2014 और 2019 में दोनों बार उन्होंने गया लोकसभा सीट से शिकस्त खाई, लेकिन इस बार उन्होंने जीत दर्ज करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली मंत्रि़परिषद में कैबिनेट मंत्री का पद सुरक्षित किया।

Jitan Ram Manjhi Gaya Seat.

गया सांसद जीतन राम मांझी बने केंद्र में मंत्री

Jitan Ram Manjhi Gaya Seat: गया लोकसभा सीट से पहली बार संसद पहुंचे हम पार्टी के मुखिया जीतन राम मांझी केंद्र में कैबिनेट मंत्री बन गए हैं। गया लोकसभा सीट से जीतने वालों सांसदों की सूचि में संभवत: जीतन राम मांझी पहले ऐसे सांसद हैं, जो केंद्र में मंत्री बने हैं। जीतन राम मांझी 80 साल की उम्र में मंत्री बने हैं।

दो बार गया से ही हारे थे जीतन राम मांझी

जीतन राम मांझी का उदय किसी असाधारण घटना से कम नहीं है। वर्ष 2014 और 2019 में दोनों बार उन्होंने गया लोकसभा सीट से शिकस्त खाई, लेकिन इस बार उन्होंने जीत दर्ज करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली मंत्रि़परिषद में कैबिनेट मंत्री का पद सुरक्षित किया। वह 2014 में जनता दल (यूनाइटेड) के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ते हुए तीसरे स्थान पर रहे थे, जबकि 2019 में उन्होंने अपनी पार्टी ‘हम (एस)’ के बैनर तले असफल प्रयास किया। उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और इस बार उन्हें जीत नसीब हुई।

जब अचानक से बने बिहार के सीएम

मांझी की राजनीतिक यात्रा में उस समय नाटकीय मोड़ आया जब 2014 में नीतीश कुमार ने अप्रत्याशित रूप से उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में जद (यू) के खराब प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद दलित समुदाय से आने वाले मांझी को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था।

इमामगंज से मौजूदा विधायक हैं जीतन राम मांझी

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेकुलर) के संस्थापक जीतन राम मांझी ने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में पहली बार गया लोकसभा सीट से जीत हासिल की। मांझी वर्तमान में इमामगंज से मौजूदा विधायक हैं।

जीतन राम मांझी का राजनीतिक कैरियर

जीतन राम मांझी का राजनीतिक सफर करीब 44 साल लंबा रहा है। वह 1980 से बिहार विधानसभा के सदस्य रहे हैं। वह कई राजनीतिक दलों-कांग्रेस (1980-1990 तक), जनता दल (1990-1996), राष्ट्रीय जनता दल (1996-2005) और जद (यू) (2005-2015) से जुड़े रहे।
इन राजनीतिक दलों के बिहार में सत्ता में रहने के दौरान मांझी विभिन्न मंत्री पद संभाल चुके हैं। फरवरी 2015 के राजनीतिक संकट के बाद मांझी को जद (यू) से निष्कासित कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने अपनी अलग पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेकुलर) बनाने की घोषणा की और भाजपा के नेतृत्व वाले राजग में शामिल हो गए जिससे नीतीश कुमार ने 2013 में इसलिए नाता तोड़ लिया था, क्योंकि भाजपा ने नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश किया था।
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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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