Kolkata-Varanasi Expressway: बिहार में सुरंग के अंदर रफ्तार भरेंगी गाड़ियां, बन रहा 610 KM लंबा एक्सप्रेसवे

Varanasi-Ranchi-Kolkata Expressway: वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे के रास्ते बिहार में पहली रोड टनल (Road Tunnel) यानी सुरंग बनाई जाएगी। पांच किलोमीटर की ये रोड सुरंग देश के टॉप-10 टनल के मामले में छठवें स्थान पर दर्ज होगी। तो चलिए जानते हैं 610 किमी. लंबे इस एक्सप्रेसवे का कितना हिस्सा बिहार के हिस्से में आ रहा है और यह किन जिलों से होकर गुजरेगा?

Bihar Tunnel Expressway.

वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे सुरंग

मुख्य बातें
  • वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे से जुड़ेंगे 4 राज्य
  • बिहार में इस एक्सप्रेसवे पर बनेगी 5 किमी. लंबी सुरंग
  • टॉप-10 टनल में शामिल होगी बिहार की यह सुरंग
Varanasi-Ranchi-Kolkata Expressway: देश में कनेक्टिविटी आसान बनाने के लिए भारतमाला परियोजना (Bharatmala Project) कारगर साबित हो रही है। इसके तहत तमाम राज्यों के शहरों को आपस में जोड़ने के लिए एक्सप्रेसवे का जाल बिछाया जा रहा है। फिलहाल, उत्तर प्रदेश के हिस्से में करीब 15 एक्सप्रेसवे हैं तो अब बिहार-बंगाल और झारखंड को भी हाईटेक सड़क मार्ग से जोड़ने की कवायत चल रही है। इन चारों राज्यों को एक साथ सड़क सूत्र में बांधने के लिए वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे का निर्माण 7 पैकेज में कराया जा रहा है। इसमें से 5 पैकेज में बिहार के कई हिस्सों को जोड़ते हुए एक्सप्रेस वे का निर्माण होगा। इस 610 किमी लंबाई वाले नए मार्ग की अनुमानित लागत 35,000 करोड़ बताई गई है। एक्सप्रेसवे 4 राज्यों से होकर गुजरेगा, जिसका 159 किमी लंबा हिस्सा बिहार के हिस्से आएगा, जिसमें पांच किलोमीटर की सुरंग बनाई जाएगी। आइये जानते हैं इस सड़क मार्ग की खासियतें क्या हैं और कहां-कहा से होकर गुजरेगा?

कैमूर की पहाड़ियों में बनेगा टनल (Varanasi-Kolkata Expressway Tunnel)

वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे के रास्ते बिहार में पहली रोड टनल (Road Tunnel) बनाने के लिए एनएचएआई ने अनुमति दे दी है, जिसकी लंबाई 5 किलोमीटर है। यह सुरंग कैमूर जिला स्थित कैमूर की पहाड़ी)( Kaimur Hills में निर्मित की जाएगी, जो सोन नदी (Sone River) को पार करके सासाराम से औरंगाबाद को जोड़गी। कैमूर टनल (Kamoor Tunnel) देश की टॉप-10 लंबाई वाली सुरंगों (Top-10 Tunnel) में छठवें स्थान पर दर्ज होगी। इस ग्रीनफील्ड सिक्सलेन एक्सप्रेस-वे के लिए बिहार में 136.7 किमी जमीन चिन्हित कर ली गई है। फेज-1 के निर्माण के लिए 1371 करोड़ खर्च होंगे।
विवरणविवरण का विवरण
टनल का नामकैमूर टनल (Kaimur Tunnel)
एक्सप्रेसवे का नामवाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे (Varanasi-Ranchi-Kolkata Expressway)
टनल की लंबाई5 किलोमीटर
टनल का स्थानकैमूर जिला, कैमूर की पहाड़ी (Kaimur Hills)
नदी का नामसोन नदी (Sone River)
जुड़ने वाले स्थानसासाराम और औरंगाबाद
देश में स्थानछठवें स्थान पर (टॉप-10 लंबाई वाली सुरंगों में)
बिहार में चिन्हित जमीन136.7 किमी
फेज-1 का निर्माण खर्च1371 करोड़ रुपये

वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे: कहां कितनी लंबाई

  • यूपी में एक्सप्रेसवे की लंबाई 22 किमी
  • बिहार में एक्सप्रेसवे की लंबाई - 159 किमी.
  • झारखंड में एक्सप्रेसवे की लंबाई 187 किमी.
  • पश्चिम बंगाल में एक्सप्रेसवे की लंबाई 242 किमी.
एक्सप्रेस वे सड़क निर्माण की शुरुआत वाराणसी रिंग रोड (Varanasi Ring Road) के चंदौली स्थित बरहुली गांव से होगी। फिर यह बिहार में प्रवेश के साथ ही कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद और गया जिले से होते हुए आगे बढ़ जाएगा। इससे बिहार के लोगों को सफर करने में बड़ी आसानी होगी।
वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे वाराणसी से शुरू होगा। इसके बाद बिहार के चार जिलों को पार करते हुए झारखंड में प्रवेश करेगा। यहां के पांच जिलों में से गुजरते हुए एक्सप्रेस वे पश्चिम बंगाल में प्रवेश करेगा। यह बंगाल के भी चार जिलों से होते हुए नेशनल हाईवे-19 (National Highway-19) से जा मिलेगा। झारखंड में इसकी लंबाई 187 किमी रहने की बात कही जा रही है। वहीं, पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा 242 किमी लंबाई तय करेगा।

वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे लागत (Kolkata-Varanasi Expressway Cost)

एक्सप्रेस की लागत 35,000 करोड़ रुपये हो सकती है। इसके पहले पैकेज में यूपी के वाराणसी से आरंभ होकर बिहार के कुछ हिस्से में खत्म होगा, जो कि करीब 22 किमी लंबा होगा। इसके अलावा करीब 994.3 करोड़ रुपये की लागत से पहले पैकेज में 27 किमी सड़क का निर्माण किया जाएगा। वहीं, दूसरे पैकैज में भी 27 किमी सड़क का ही निर्माण किया जाएगा, जो कि 851 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा।

वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे रूट मैप (Varanasi-Kolkata Expressway Route Map)

वाराणसी-रांची-कोलकाता ग्रीनफील्ड सिक्सलेन एक्सप्रेसवे चंदौली स्थित बरहुली गांव से होकर बिहार में प्रवेश करेगी. कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद और गया जिले से होते हुए एक्सप्रेस वे झारखंड में प्रवेश करेगा। फिर चतरा, हजीराबाग, रामगढ़, पीटरबार और बोकारो से होते हुए एक्सप्रेसवे पश्चिम बंगाल में प्रवेश करेगा। बंगाल के पुरुलिया, बांकुरा और आरामबाग से होकर एक्सप्रेसवे उलुबेरिया में राष्ट्रीय राजमार्ग 19 पर समाप्त होगा।
यह भी पढ़ें - Bihar Airport List: रोमांचक होगा आसमान का सफर, बिहार से सीधे फ्लाइट लेकर जा सकते हैं विदेश
वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे जानकारीविवरण
एक्सप्रेसवे का नाम वाराणसी-कोलकाता-रांची एक्सप्रेसवे
वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे की लंबाई 610 किमी.
वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे परियोजना की लागत 35,000 करोड़ रुपये
वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे लेन संख्या 6
वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे शुरुआती बिंदु बरहुली
वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे अंतिम बिंदु - उलुबेरिया
वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे निर्माणकर्ता कंपनी एनएचएआई
वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे कार्य पूरा होने की तिथि 2027
वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे यात्रा का समय (Varanasi-Ranchi-Kolkata Expressway Travel Time)
मौजूदा समय में कोलकाता से वाराणसी की दूरी करीब 690 किमी. है। ऐसे में यात्रा का समय करीब 12 से 13 घंटे है। लेकिन, इस नए एक्सप्रेसवे के खुलने से 6 से 7 घंटे में सफर पूरा हो सकता है। इस प्रकार से वाहन चालकों का समय के साथ ईधन भी बचेगा।

वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे बनेगा रोजगार का जरिया

इस एक्सप्रेसवे के किनारे रियल स्टेट (Real State) का व्यापार काफी बूस्ट करेगा। साथ ही यहां औद्योगिक कॉरिडोर (Industrial Corridor) विकसित होंगे, जिससे स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजागार भी मिलेगा। एक्सप्रेसवे के किनारे बाजार, मंडियां, रेस्टोरेंट, ढाबे, कॉलेज और अस्पताल समेत कई व्यवस्थाएं लोगों के रोजगार का साधन बनेंगी।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | पटना (cities News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited