5 जिले सैकड़ों गांव, बिहार में बनेगा नया 225 KM लंबा नारायणी-गंगा एक्सप्रेसवे; किसानों की भरेगी तिजोरी

Narayani-Ganga Expressway: बिहारवासियों का सफर आसान बनाने के लिए कई एक्सप्रेसवे परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इसमें बिहार को पड़ोसी राज्यों से सीधे कनेक्ट करने वाले कई प्रोजेक्ट शामिल हैं। इसी बीच एक नए 225 किलोमीटर लंबे नारायणी-गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण को मंजूरी मिली है, जिसको विकसित करने के लिए करीब 4000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। आइये जानते हैं यह हाईटेक मार्ग किन जिलों से होकर गुजरेगा?

Narayani-Ganga Expressway

नारायणी-गंगा एक्सप्रेसवे (सांकेतिक फोटो)

Narayani-Ganga Expressway: बिहार में रोड कनेक्टिविटी को मजबूत बनाने के दिशा में कार्य तेज है। राज्य में गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे, रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे और दरभंगा-आमस एक्सप्रेसवे समेत कई अन्य सड़क परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इन सड़कों के जरिए कम समय में अधिक से अधिक दूरी कवर की जा सकेगी। इसी बीच सरकार ने एक नए हाईटेक नारायणी-गंगा एक्सप्रेसवे मार्ग को मंजूरी के लिए केंद्र को भेजा गया है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग उत्तरी बिहार को दक्षिणी बिहार से सीधे कनेक्ट करेगा। इसका प्रस्तावित रूट बगहा से भोजपुर तक बनेगा। 225 किलोमीटर लंबे 6 लेन (संभावित) इस मार्ग को बनाने में करीब 4000 रोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पथ निर्माण विभाग ने केंद्र सरकार को यह प्रस्ताव भेजा है। केंद्र से परियोजना को हरी झंडी मिलने पर इसके निर्माण की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।

नारायणी-गंगा एक्सप्रेसवे की लागत

नारायणी-गंगा एक्सप्रेसवे के लिए 3950 रुपये में जमीन खरीदी की जाएगी। संबंधित रूट पर पड़ने वाले किसानों और कास्तकारों की जमीन के सर्किल रेट पर मुआवजा दिया जाएगा, जिससे जमीन मालिकों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी। इसके निर्माण के लिए 11,500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। प्रभात खबर के हवाले से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पूरी परियोजना को विकसित करने में 15,450 करोड़ रुपये खर्च होंगे। माना जा रहा है कि 5 जिलों के अंतर्गत सैकड़ों गांव आ सकते हैं, जिनकी जमीन अधिग्रहित की जाएगी। हालांकि, किन गावों को इसका फायदा होगा। इसकी डिटेल्स अभी सामने नहीं आई है।

नारायणी-गंगा एक्सप्रेसवे रूट मैप

नारायणी-गंगा एक्सप्रेसवे को निर्माण के लिए केंद्रीय सड़क एंव परिवहन राजमार्ग मंत्रालय से अनुरोध किया गया है कि इसकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करें, ताकि तय समय पर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार की जा सके। इस प्रस्तावित, सड़क को ग्रीनफील्ड हाईस्पीड कॉरिडोर के तौर पर विकसित करने की बात कही जा रही है। यह मार्ग बगहा (एनएच-772 ए) को भोजपुर जिले के पातर तक निर्मित किया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे से सीधे तौर पर 5 जिलों को फायदा होगा। कॉरिडोर में गंडक नदी पर एक नया ब्रिज बनाया जाना प्रस्तावित है। यह पातर (आरा) में यह सड़क पटना-आरा-सासाराम हाईस्पीड कॉरिडोर (एनएच-11ए) से कनेक्ट होगा। इस तरह बगहा से आरा होते हुए सासाराम और वाराणसी-कोलकाता होते हुए उत्तर प्रदेश और उससे आगे का सफर सुगम होगा। इसे प्रोजेक्ट से भोजपुर, सारण, सीवान, गोपालगंज और पश्चिमी चंपारण को सीधे कनेक्टिविटी आसान होगी। इन जिलों के लोग कम समय में अधिक दूरी तय कर सकेंगे, जिससे ईधन के साथ समय की भी बचत होगी।

जानकारी विवरण
एक्सप्रेसवे का नामनारायणी-गंगा एक्सप्रेसवे
नारायणी-गंगा एक्सप्रेसवे की लंबाई225 किमी.
नारायणी-गंगा एक्सप्रेसवे की लागत 15450 (4000) प्रस्तावित
नारायणी-गंगा एक्सप्रेसवे के जिलेभोजपुर, सारण, सीवान, गोपालगंज और पश्चिमी चंपारण
नारायणी-गंगा एक्सप्रेसवे का शुरुआती बिंदुबगहा (एनएच-772 ए)
नारायणी-गंगा एक्सप्रेसवे का अंतिम बिंदुपातर (भोजपुर)
लेन संख्या6 संभावित
निर्माण कंपनीअभी तय नहीं

नारायणी-गंगा एक्सप्रेसवे के फायदे

नारायणी-गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण से स्थानीय किसानों की आर्थिक समृद्धि होगी। इस मार्ग के शहरी क्षेत्रों के आसपास रियल स्टेट (Real State) को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही 225 किलोमीटर की दूरी तक कई हाईटेक व्यवस्थाएं की जाएंगी, जिनमें होटल, रेस्टोरेंट, बाजार और रोजमर्रा से जुड़ी दुकानें इत्यादि खुलेंगी। इसके अतिरिक्त औद्योगिक इकाईयां स्थापित होने के चांस रहेंगे, जिससे लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।

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Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

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