Bihar में नीतीश सरकार पर NGT का 'चाबुक': लगाया 4,000 करोड़ रुपए का जुर्माना, जानें- क्या है पूरा मामला

एनजीटी ने यह जिक्र भी किया कि बिहार पर 11.74 लाख मीट्रिक टन से अधिक पुराने कचरे के साथ प्रति दिन उत्पन्न होने वाले 4,072 मीट्रिक टन अशोधित शहरी कचरे के प्रबंधन का बोझ है। सूबे में तरल अपशिष्ट उत्पादन और उपचार में 2,193 मिलियन लीटर प्रति दिन का अंतर है।

बिहार के मुख्यमंत्री और जेडी(यू) के सीनियर नेता नीतीश कुमार। (फाइल)

बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने 4,000 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। यह पर्यावरण से जुड़ा फाइन (Environmental Compensation) है, जो कि ठोस और तरल कचरे (Solid & Liquid Waste) का वैज्ञानिक रूप से प्रबंधन करने में नाकाम रहने के बाद लगाया गया है।

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एनजीटी चीफ जस्टिस ए.के गोयल की बेंच (जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस अरुण कुमार त्यागी के साथ विशेषज्ञ सदस्य अफरोज अहमद व ए.सेंथिल वेल) ने निर्देश दिया कि जुर्माने की रकम दो माह के अंदर ‘रिंग-फेंस खाते’ (इस खाते में जमा राशि के एक हिस्से को विशिष्ट उद्देश्य के लिए आरक्षित रखा जाता है) में जमा कराई जाए। मुख्य सचिव के निर्देशों के हिसाब से इसका इस्तेमाल राज्य में सिर्फ अपशिष्ट प्रबंधन के लिए किया जाए।

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बेंच की ओर से कहा गया, “हम कानून के आदेश खास तौर से सुप्रीम कोर्ट और इस न्यायाधिकरण के फैसलों का उल्लंघन कर, तरल और ठोस कचरे के वैज्ञानिक प्रबंधन में नाकाम रहने के कारण प्रदूषक भुगतान सिद्धांत के तहत राज्य पर 4,000 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाते हैं।”

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