हर बिहारी को खुश कर देगी ये खबर, 8 जिलों से होकर गुजरेगा तीन राज्यों को जोड़ने वाला एक्सप्रेसवे

हर बिहारी के लिए खुशखबरी है। भले ही वह बिहार में रहते हों या बिहार से बाहर। बिहार के 8 जिलों को जोड़ते हुए एक ऐसे एक्सप्रेसवे को मंजूरी मिली है, जो तीन राज्यों को आपस में जोड़ेगा। इस एक्सप्रेसवे का लाभ उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों को भी मिलेगा।

Expressway nhai

बिहार में बिछेगा एक्सप्रेसवे का जाल

देश में बिछ रहे एक्सप्रेसवे के जाल के बीच केंद्र सरकार ने क और बड़े एक्सप्रेसवे को हरी झंडी दे दी है। यह एक्सप्रेसवे छोटा-मोटा नहीं बल्कि पूरे 568 किमी लंबा होगा। बड़ी बात यह है कि यह पूरा एक्सप्रेसवे 6 लेन का और पूरी तरह से ग्रीनफील्ड होगा। यानी यह पुरानी सड़क के अलाइनमेंट से अलग बनेगा। यह एक्सप्रेसवे 3 राज्यों से होकर गुजरेगा। चलिए एक्सप्रेसवे के बारे में करीब से जानते हैं -

एक्सप्रेसवे का नाम क्या है?

इस 568 किमी लंबे एक्सप्रेसवे का नाम गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे (Gorakhpur-Siliguri Expressway) होगा। बिहार के सड़क निर्माण मंत्री नितिन नबीन ने इसके बारे में जानकारी दी। गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे एक बड़ा प्रोजेक्ट है, जो बिहार की दिल्ली और उत्तर-पूर्वी राज्यों के साथ कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने में मदद करेगा।

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सफर में कितना समय लगेगा

बता दें कि फिलहाल गोरखपुर और सिलीगुड़ी को आपस में जोड़ने वाली कोई सीधी सड़क नहीं है। उत्तर प्रदेश में गोरखपुर से पश्चिमी बंगाल के सिलीगुड़ी तक के सफर में अभी 15 घंटे का समय लग जाता है। गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद दोनों शहरों के बीच की दूरी 15 से घटकर मात्र 6 घंटे की रह जाएगी।

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे का रूट

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे बिहार में कुल 8 जिलों के 39 ब्लॉक में 313 गांवों से होकर गुजरेगा। बिहार के पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, श्योहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज जिलों को इस एक्सप्रेसवे से लाभ मिलेगा। इस एक्सप्रेसवे का कुल 417 किमी हिस्सी बिहार में बनेगा। गंडक, बागमती और कोसी जैसी नदियों के ऊपर इस प्रोजेक्ट के तहत कई पुल बनाए जाएंगे। बिहार के मंत्री नितिन नबीन ने बताया कि बिहार सरकार ने केंद्र से बेतिया, मोतिहारी, दरभंगा और मधुबनी जिला मुख्यालयों को इससे कनेक्ट करने की मांग की है। जवाब में NHAI ने इन शहरों के लिए स्पर कनेक्टिविटी देने की मांग स्वीकार भी कर ली है।

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे की लागत

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे को बनाने में कुल 38 हजार, 645 करोड़ रुपये का खर्च आने की संभावना है, जिसमें से 27 हजार, 552 करोड़ रुपये बिहार सरकार खर्च करेगी। क एक्सप्रेसवे को 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के लिए तैयार किया जाएगा। यह एक्सप्रेसवे न सिर्फ नेशनल हाईवे नेटवर्क को बढ़ाएगा, बल्कि बिहार के ट्रेड, टूरिज्म और औद्योगिक विकास को भी बूस्ट देगा। मंत्री नबीन ने इसे एक एतिहासिक उपलब्धि करार दिया।

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इन गांवों को जोड़ेगा एक्सप्रेसवे

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के लिए उत्तर प्रदेश में गोरखपुर, कुशीनगर और देवरिया जिलों के 11 गांवों की जमीन को एक्वायर किया जाएगा। इसमें चौरी-चौरा तहसील के 14 गांव, कुशीनगर में हाता तहसील के 19 गांव, तमकुहीराज तहसील के 42 गांव, कस्या तहसील के 13 गांव भी शामिल हैं।

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Digpal Singh author

खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्लोमा करने के बाद मीडिया जगत में दस्तक दी। कई अखबार...और देखें

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