बिहार में थाना इंचार्ज बनने का खुला ऑफर! न परीक्षा न फिजिकल... सीधे मिलेगी तैनाती

बिहार पुलिस में सब इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी को थाना इंचार्ज बनाने की नई पहल की जा रही है। इस अनोखी पहल के तहत सब इंस्पेक्टर को थाना इंचार्ज बनने के लिए उनकी उपलब्धियों को प्राथमिकता दी जा रही है।

(सांकेतिक फोटो)

पटना: पुलिस आपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए तथा पुलिस और जनता में बेहतर संबंध बनाने के लिए कई तरह की नई पहल करने में जुटी है। ऐसे में पूर्वी चंपारण पुलिस ने थाना प्रभारियों की नियुक्ति के लिए नई और अनोखी पहल की है। पूर्वी चंपारण जिला में इस अनोखी पहल के तहत सब इंस्पेक्टर को थाना इंचार्ज बनने के लिए उनकी उपलब्धियों को प्राथमिकता दी जा रही है। यही नहीं नियुक्त किए गए थाना प्रभारियों की शैक्षणिक योग्यता को न केवल सार्वजनिक किया जा रहा है बल्कि उसे नियुक्ति से पहले प्राथमिकता दी जा रही है।

पुलिस-पब्लिक संबंधों पर पड़ेगा असर

पूर्वी चंपारण के पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने इसके तहत हाल ही में हरसिद्धि, चिरैया, तुरकौलिया, पिपरा, राजेपुर, भोपतपुर और आदापुर थाना प्रभारी की नियुक्ति की है। पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने आईएएनएस को बताया कि थाना का इंचार्ज किसी एसआई को बनाया जा सकता है, लेकिन वह काम के प्रति कितने जिम्मेदार हैं, इसकी जानकारी भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि अपराधी हर दिन अपराध के नए तरीके ईजाद करते हैं, जिसमें वे तकनीक का भी इस्तेमाल करते हैं, ऐसे में अगर तकनीकी शिक्षा प्राप्त थाना प्रभारी हो तो जल्द ही अपराधियों पर लगाम लगाई जा सकती है। यही नहीं शैक्षणिक योग्यता का असर पुलिस-पब्लिक संबंधों पर भी पड़ता है। अच्छी शैक्षणिक योग्यता वाले थाना प्रभारियों की प्रतिष्ठा समाज में तुरंत स्थापित हो जाती है, जिसका लाभ पुलिसिंग पर भी पड़ता है। इसी के मद्देनजर थाना प्रभारियों की शैक्षणिक योग्यता को भी सार्वजनिक किया जा रहा है।

वीरता पुरस्कार से होंगे सम्मानित

उन्होंने बताया कि इस पहल से कार्य पद्धति में सुधार होने की संभावना है। सभी एसआई बेहतर कार्य करेंगे, जिससे उन्हें थाना का दायित्व मिल सके। पुलिस अधीक्षक ने हरसिद्धि थाना की जिम्मेदारी सर्वेन्द्र कुमार को दी है, जिन्हें 11 वर्षों का एसटीएफ में अनुभव है और उनका तकनीकी ज्ञान बेहतर है। यही नहीं उन्हें मुख्यमंत्री 51 हजार रुपए की राशि के साथ वीरता पुरस्कार से सम्मानित कर चुके हैं। उन्हें बिहार के पुलिस महानिदेशक से 10 प्रशस्ति पत्र मिल चुके हैं। ऐसे ही हाल में नियुक्त सभी थाना प्रभारियों को उनकी उपलब्धि देख थाना की जिम्मेदारी दी गई है।

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