Patna Ganga River: अब गंगा नदी में नहीं गिरेगा प्रदूषित पानी, 22 किमी नदी की सफाई व्यवस्था होगी बेहतर
patna Ganga Cleaning: पटना में अब गंगा नदी प्रदूषित नहीं होगी। प्रदूषित पानी को नदी में गिरने से रोका जाएगा। इसके लिए राष्ट्रीय परियोजना में पटना नगर निगम का चयन किया गया है। अब नगर निगम क्षेत्र की नदी की स्वच्छता के लिए कारगर काम किए जाएंगे। इससे पहले निगम ने नदी की स्वच्छता में सहायता के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा था। अब योजना राशि मंजूर हो गई है।
गंगा नदी, जिसमें नहीं करेगा प्रदूषित पानी
मुख्य बातें
- सेकंड राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन परियोजना में पटना नगर निगम का चयन
- निगम ने 8 जगहों पर डीपीएस का ऑटोमेशन करने के लिए भेजा था प्रस्ताव
- स्काडा सॉफ्टवेयर से 8 डीपीएस की होगी रियल टाइम मॉनिटरिंग
Patna News: पटना नगर निगम क्षेत्र की 22 किलोमीटर लंबी नदी की साफ-सफाई व्यवस्था बेहतर होनी है। अशोक राजपथ से पटना सिटी तक गंगा नदी तट पर बसे मोहल्लों से प्रदूषित पानी नदी में गिर रहा है, जिस पर रोक लगाई जाएगी। पटना नगर निगम का चयन सेकंड राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन परियोजना में हुआ है। पटना नगर निगम क्षेत्र में 93 गंगा घाट हैं। इन घाटों पर कूड़ा-कचरा समेत आसपास से नाला-नाली के जरिए प्रदूषित पानी जा रहा है। अब परियोजना के तहत ऐसे शहरों का चयन हुआ है, जिनकी स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में सुधार हुआ था।
नगर निगम द्वारा 8 जगहों पर डीपीएस का ऑटोमेशन करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था। इसके लिए 11.49 करोड़ रुपए मंजूर हुए हैं। परियोजना के तहत स्काडा सॉफ्टवेयर के जरिए 8 डीपीएस की रियल टाइम मॉनिटरिंग की जानी है। शहर के 42 ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन की रियल टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी। मानसून के दौरान विशेष निगरानी करनी है।
20 शहरों ने दिए थे 21 तरह के प्रस्तावड्रेनेज पंपिंग स्टेशन की मॉनिटरिंग के लिए पटना स्मार्ट सिटी के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से इसे कनेक्ट किया जाना है। इसके लिए नगर निगम द्वारा विस्तृत डीपीआर बनाई जा रही है। इस परियोजना के लिए 20 शहरों ने 21 तरह के प्रस्ताव बनाकर दिए थे। 569 करोड़ की योजना का प्रस्ताव दिया गया था, जिसमें 235.29 करोड़ की योजनाएं मंजूर हुईं हैं। पटना का चयन 13 शहर अंतर्गत 14 बेहतरीन प्रस्ताव के रूप में हुआ है।
तीन महीने में चालू होंगे पंपिंग स्टेशनमानसून के पहले ही प्रमुख ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन को कमांड एंड कंट्रोल सेंट से जोड़ा जाना है। मई के पहले इसे पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इन पंपिंग स्टेशनों में आईओटी डिवाइस लगाई जाएगी। इस डिवाइस के लगने पर बारिश होने पर सभी संप हाउस चलने लगेंगे। पानी निकासी के बाद खुद संप हाउस बंद भी हो जाएंगे। कमांड सेंटर से सभी संप हाउसों की निगरानी होती रहेगी। अब तक कई बार कर्मचारी द्वारा समय से संप हाउस नहीं चलाने के कारण जलजमाव की समस्या उत्पन्न हुई है। कमांड सेंटर से यह पता चलेगा की कौन सा संप हाउस नहीं चला और किस जगह का चला है।
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