मैली गंगा में जलीय जीवों के जीवन पर संकट, विलुप्त हो रहीं मछलियों की प्रजातियां; कैसे भरेगा डॉल्फिन का पेट

प्रदूषित होती गंगा नदी में जलीय जीवों के जीवन पर संकट मंडरा रहा है। खासकर, मछलियों की ज्यादातर प्रजातियां विलुप्त होती जा रही हैं। उधर, मछलियों की कमी के कारण डॉल्फिन के चारे को लेकर भी चिंता बढ़ रही है। लिहाजा, बिहार सरकार ने कारगर पहल शुरू करने की बात कही है।

मछलियों की प्रजातियां हो रहीं विलुप्त

पटना: बिहार की गंगा में कई प्रजातियों की मछलियों की कमी को देखते हुए अब इसकी संख्या को बढ़ाने को लेकर पहल शुरू कर दी गई है। इसके तहत अब कई क्षेत्रों में जीरा डालने की योजना बनाई गई है। दरअसल, कहा जा रहा है कि गंगा में रोहू, कतला सहित कई प्रजातियों की मछलियों की संख्या कम होने के कारण गंगा का पानी भी प्रदूषित हो रहा है।

इस प्रजातियों पर संकट

मछलियों की संख्या बढ़ाने को लेकर कोलकाता के एक संस्थान से मदद ली जा रही है। इसके तहत विशेषज्ञों की एक टीम काम कर रही है। बताया जाता है कि भागलपुर के सुल्तानगंज के पास गंगा नदी में रोहू, कतला, मृगल प्रजाति के करीब तीन लाख जीरा प्रवाहित किए जाएंगे। भागलपुर के जिला मत्स्य पदाधिकारी कृष्ण कन्हैया ने कहा है कि कमरगंज इलाके में जीरा डालने का काम किया जाएगा, जिससे नदी की धारा की वजह से सभी इलाकों में जीरा पहुंच सके।

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