AQI In Patna: पटना की हवा बेहद खराब, देश में सबसे प्रदूषित शहर में 10वें नंबर पर

Patna AQI: राजधानी की हवा दिनोंदिन खराब होती जा रही है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) रेड जोन में जा चुका है। इससे लोगों के स्वास्थ्य पर बेहद बुरा प्रभाव पड़ रहा है। दूसरी ओर नगर निगम के स्तर पर किए जा रहे बचाव कार्य नाकाफी साबित हो रहे हैं। पटना के अलावा सूबे के कुछ और शहरों की भी हवा बेहद खराब हो चुकी है।

पटना में बढ़ रहा वायु प्रदूषण (प्रतीकात्मक तस्वीकर)

मुख्य बातें
  • पटना का एक्यूआई 400 से अधिक, लोगों के स्वास्थ्य पर डाल रहा प्रभाव
  • बेतिया, छपरा, कटिहार, मुजफ्फरपुर और मोतिहारी की भी हवा बेहद खराब
  • सोमवार को पटना का एक्यूआई 392 और रविवार को 385 था

Patna News: पटना की हवा अब सांस लेने लायक नहीं रह गई है। हवा में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ चुका है। मंगलवार को शहर के समनपुरा इलाके का वायु गुणवत्ता सूचकांका (एक्यूआई) 448 रिकॉर्ड किया गया है। दोपहर 1 बजे यह रिकॉर्ड हुआ है। राजवंशी नगर इलाके का एक्यूआई 378, मुरादपुर इलाके का 396, आईजीआईएमएस इलाके का 380, गवर्नमेंट हाईस्कूल शिकारपुर इलाके का 383, दानापुर स्थित डीआरएम ऑफिस इलाके का एक्यूआई 379 रिकॉर्ड किया गया है। इन सभी जगहों पर वायु प्रदूषण मांपने वाला यंत्र लगा है, जिसके आधार पर शहर की हवा कितनी स्वच्छ है, उसका पता चलता है।

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सोमवार को शहर का एक्यूआई 392 रिकॉर्ड हुआ था। रविवार को वायु प्रदूषण का स्तर 385 था। चिंताजनक बात है कि, देश के सबसे प्रदूषित शहरों में पटना 10वें नंबर पर है। शहर में पटना सिटी से दानापुर तक सबसे खराब हवा राजा बाजार इलाके की है। सोमवार को राजा बाजार इलाके का एक्यूआई 442 रिकॉर्ड हुआ था। पटना के अलावा देश के सबसे प्रदूषित शहरों में बेतिया, समस्तीपुर, छपरा, कटिहार, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर,पूर्णिया शामिल हैं।

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वायु प्रदूषण कम करने के लिए क्या उपायशहर की हवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं, कुछ पहल की अपील की जा रही है। विशेषज्ञों के मुताबिक, लोगों को ज्यादा से ज्यादा सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल करना चाहिए। निजी वाहनों के अधिक प्रयोग से वायु प्रदूषण बढ़ेगा। शहर के सभी पार्क, पार्किंग स्थल समेत अन्य जगहों पर दिन में दो से तीन बार पानी का छिड़काव कराने की जरूरत है। शहर के अंदर एवं आसपास के सभी ईंट भट्ठों को बंद कर देना चाहिए। डीजल वाहन के परिचालन पर पूरी तरह से रोक लगा देनी चाहिए। फिलहाल निर्माण कार्य पूर्ण प्रतिबंधित हो। पटना शहर में हवा की गुणवत्ता हर साल ठंड के मौसम में बिगड़ रही है। दीपावली के बाद से हवा में प्रदूषण बढ़ना शुरू होता है और यह जनवरी के अंत तक बढ़ा रहता है।

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