Patna Train Update: पटना और पंडित दीनदयाल जंक्शन के बीच ट्रेनों की बढ़ेगी स्पीड और संख्या, रेलवे इस तकनीक का कर रहा प्रयोग
High Speed Train From Patna: भारतीय रेलवे हर दिन खुद को अपडेट कर रहा है। बोगियों को सुसज्जित करने के साथ ट्रेन की स्पीड बढ़ाने की दिशा में कई काम हो रहे हैं। अब ट्रैक को आधुनिक सिस्टम से जोड़ा जा रहा है। ताकि एक ही रूट पर एक समय में दो ट्रेनें परिचालित की जा सके। 150 से अधिक स्टेशनों पर इस तकनीक का इस्तेमाल कर भी दिया गया है।
पटना जंक्शन से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन तक किया गया नई तकनीक का इस्तेमाल
- बहुत जल्द एक ही रूट पर एक किमी की दूरी पर चलेंगी दो ट्रेनें
- आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक सिग्नलिंग इंटरलॉकिंग सिस्टम से रेलवे ट्रैक को किया जा रहा लैस
- पूर्व मध्य रेलवे के 494 स्टेशनों में से 162 स्टेशनों को नए सिस्टम से कर दिया गया है लैस
Rail News: रेल यात्रियों की सुरक्षित एवं कम समय में यात्रा के लिए बड़ी पहल हुई है। अब एक ही रूट पर एक किलोमीटर की दूरी पर दो ट्रेनें चल सकेंगी। यह पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत शुरू किया जा रहा है। पटना जंक्शन और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के बीच इसकी तैयारी चल रही है। एक ही रूट पर एक समय पर दो ट्रेनें चलाने के लिए रेलवे ट्रैक को आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक सिग्नलिंग इंटरलॉकिंग सिस्टम से जोड़ा जा रहा है। फिलहाल पूर्व मध्य रेलवे के 494 स्टेशनों में से 162 को आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक सिग्नलिंग इंटरलॉकिंग सिस्टम से लैस कर दिया गया है।
इस बारे में मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) वीरेंद्र कुमार का कहना है कि इस सिस्टम से रेलवे ट्रैक की क्षमता काफी बढ़ जानी है। इससे ट्रेनों की स्पीड बढ़ जाएगी और रूट पर ट्रेनों के परिचालन की संख्या भी बढ़ जाएगी। पूरी योजना को धरातल पर उतारने का काम चल रहा है। सीपीआरओ के मुताबिक, जल्द ही पूरे रूट का रेलवे ट्रैक इस नई तकनीक से लैस हो जाएगा।
यह सिस्टम कैसे करेगा कामदरअसल, दो स्टेशनों के बीच हर एक किलोमीटर की दूरी पर सिग्नल लगाए जाते हैं। सिग्नल के सहारे ट्रेनें एक से दूसरे के पीछे चलती रहेंगी। अगर, आगे वाले सिग्नल में तकनीकी खामियां आएंगी तो पीछे चल रहीं ट्रेनों को भी सूचना मिल जाएगी। जो ट्रेन जिस जगह होगी, वह वहीं रुक जाएगी। इससे रेल लाइनों पर ट्रेनों की रफ्तार के साथ उनकी संख्या भी बढ़ जाएगी। इतना ही नहीं कहीं भी खड़ी ट्रेन को निकालने के लिए आगे चल रही ट्रेन के अगले स्टेशन तक पहुंचने का भी इंतजार नहीं करना होगा।
मिशन रफ्तार के तहत कराया जा रहा कामआधुनिक इलेक्ट्रॉनिक सिग्नलिंग इंटरलॉकिंग सिस्टम का काम मिशन रफ्तार के तहत हो रहा है। मिशन पहले चरण में ही है। फिलहाल एब्सल्यूट ब्लॉक सिस्टम यानी परंपरागत चल रहा है। इसमें एक ब्लॉक सेक्शन में ट्रेन के अगले स्टेशन पर पहुंच जाने के बाद ही पीछे चल रही ट्रेन को आगे बढ़ने के लिए ग्रीन सिग्नल मिलता है। इससे खाली रेल लाइनों की क्षमता का पूरा इस्तेमाल नहीं हो रहा है।
इन रेल खंडों पर बहाल होगा आधुनिक सिस्टमरेल अधिकारी के मुताबिक, पटना-पंडित दीनदयाल उपाध्यायल, छपरा-हाजीपुर-बछवारा-बरौनी-कटिहार रेलखंड, बरौनी-दिनकर ग्राम सिमरिया, समस्तीपुर-बेगूसराय, पंडिन दीनदयाल उपाध्याय-मानपुर, मानपुर-प्रधानखंटा रेलखंड पर आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक सिग्नलिंग इंटरलॉकिंग सिस्टम का इस्तेमाल होगा। इनमें से कुछ रेलखंडों पर कवच प्रणाली का भी इस्तेमाल किया जाना है।
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