Pesticides Detector Device: पटना के 16 साल के अमित की डिवाइस बताएगी आपकी सब्जी और फल में है कितना केमिकल

Patna Amit Pesticides Detector Device: राजधानी का एक हुनरमंद बेटा सामने आया है। इसने एक ऐसी डिवाइस बनाई है, जिससे फल और सब्जी में केमिकल की मात्रा पता चल जाएगी। इस डिवाइस को बनाने वाले अमित कुमार है। फिलहाल आम लोगों के लिए यह डिवाइस बाजार में उपलब्ध नहीं हो सकेगी, लेकिन निकटतम भविष्य में लोग इसका उपयोग कर अपनी सेहत को खतरनाक केमिकल से बचा सकेंगे।

patna amit kumar device inventor

अपनी डिवाइस के साथ अमित कुमार

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • अभी डिवाइस का प्रोटोटाइप हुआ है तैयार
  • मार्केट रिसर्च के बाद तैयार होगा प्रोडक्ट
  • डिवाइस बनाने में 700-800 रुपए हुए खर्च

Patna News: फल और सब्जियों में मौजूद खतरनाक केमिकल का अब भी आसानी से पता लगा सकेंगे। पटना निवासी 16 साल के अमित कुमार ने पेस्टिसाइड्स डिटेक्टर डिवाइस बनाई है। इस डिवाइस की मदद से फलों और सब्जियों में केमिकल की मात्रा पता की जा सकती है। अभी डिवाइस का प्रोटोटाइप बनाया गया है। मार्केट रिसर्च कर प्रोडक्ट तैयार किया जाएगा। इसके बाद आम लोग डिवाइस का इस्तेमाल कर सकेंगे। दरअसल, हाल के वर्षों में फलों और सब्जियों में केमिकल्स का अधिक प्रयोग होने लगा है। इसे देखते हुए अमित ने सर्वे किया था। इसमें पाया की कई लोगों को मालूम ही नहीं होता है कि पेस्टिसाइड्स क्या होता है? और ये शरीर को कितना नुकसान पहुंचाता है।

अमित ने सर्वे के दौरान कई सैंपल्स इकट्ठा किए। फिर आईसीएमआर गए। वहां मालूम हुआ की पेस्टीसाइड के डिटेक्शन के लिए गैस क्रोमैटोग्राफी मेथड है, लेकिन ये मेथर्ड डिटेक्शन के लिए दो से तीन दिन समय लेता है। फिर अमित ने ऐसी डिवाइस बनाने की सोची जो 10-15 सेकंड में यह रिपोर्ट दे की फल-सब्जी में कितनी मात्रा में केमिकल है।

एनडीवीआई टेक्नोलॉजी पर बनी है डिवाइसअमित की यह डिवाइस एनडीवीआई टेक्नोलॉजी पर बना है। इसमें इंफ्रा रेड और रेड एलईडी का प्रयोग हुआ है। डिवाइस में सेंयर लगा है, जिसके सामने कोई फल या सब्जी रखने पर उसमें कीटनाशक की मात्रा बता देता है। एलईडी से प्रकाश को फल पर दिया जाता है। फल से परावर्तित किरणें एलडीआर के माध्यम से आती है। एलडीआर से मिलने वाले आउटपुट सामने स्क्रीन पर एक वैल्यू के रूप में दिखता है। यह वैल्यू दिखने में 10-15 सेकंड लगता है। इस वैल्यू को स्केल से मिलाया जाता है।

हर फल-सब्जी को होता है अलग एनडीवीआई इंडेक्स

बता दें हर फल और सब्जी का एनडीवीआई इंडेक्स अलग होता है। इसके आधार पर इस प्रक्रिया की जांच को चेक किया जाता है। स्केल को बनाने के लिए अमित ने आर्गेनिक तरीके से उपजाए गए फल और बाजार में मौजूद फल को लिया। इन दोनों फलों की जांच कर एक स्केल बनाया। लाइट जो रिफ्लेक्ट करके फल से वापस आता है, उसको एनडीवीआई फॉर्मूले में डालकर वैल्यू बनाया और उस वैल्यू से यह स्केल बनाया, जो बताता है कि फल या सब्जी कितना सेहतमंद है।

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